मोदी के मंत्री का विवादित बयान- साल में एकाध सैनिक ही मरता है, सीएम से बात कर मुआवजा बढ़वा देंगे
नई दिल्ली। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और खुद प्रधानमंत्री मोदी पार्टी के नेताओं को विवादित बयान देने से बचने की चेतवानी दे रखी है, लेकिन पार्टी के नेताओं पर इसका जरा भी फर्क नहीं पड़ा है। केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने एक ऐसा बयान दिया है जिसपर शहीद सैनिकों के परिवारवालों ने कड़ी आपत्ति जतायी है। हरियाणा के जींद में एक कार्यक्रम में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि "वह शहीदों की शहादत पर परिजनों को दी जाने वाली धनराशि में मुख्यमंत्री से कहकर बढ़ोत्तरी कराने का प्रयास करेंगे, क्योंकि साल में प्रदेश का एकाध सैनिक ही मरता है।" यह कार्यक्रम शहीद सैनिकों की वीरांगना पत्नियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था।
शहीदों की पत्नियों और परिजनों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि, एक तरफ सरकार देशभर में सर्जिकल स्ट्राइक की याद में पराक्रम पर्व का आयोजन कर रही है और सरकार युवाओं को भारतीय सेना मे शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है। ऐसे में केन्द्रीय मंत्री का ऐसा बयान देना शहीदों का अपमान करने के बराबर है। शहीदों के परिजनों ने कहा कि मंत्री अपने बेटों को फौज में भर्ती करवाएं और उन्हें शहादत दिलवाएं, इसके बाद उन्हें शहादत की कीमत पता चलेगी। कार्यक्रम में मौजूद अन्य लोगों ने कहा कि यदि मंत्रियों के बोल इसी तरह बिगड़े रहे वह भविष्य में शहीदों के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।
ल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी नेता ने भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर विवादित टिप्पणी की हो, इससे पहले साल की शुरुआत में एक अन्य भाजपा सांसद नेपाल सिंह ने कहा था कि "सेना के जवान तो रोज मरेंगे। ऐसा कोई देश है, जहां सेना का जवान ना मरता हो।" हालांकि बाद में अपने इस बयान पर हंगामा बढ़ते देख भाजपा सांसद ने माफी मांग ली थी। भाजपा सांसद ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने सेना का कोई अपमान नहीं किया है।