असम: NRC में उल्फा उग्रवादी का नाम शामिल, सांसद और उनके बेटों का नाम गायब
असम सरकार द्वारा रविवार को जारी की गई नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) में कई सांसदों के नाम शामिल नहीं हैं। इसकी बजाय NRC में अलगाववादी नेता परेश बरुआ का नाम है, जो प्रतिबंधित विद्रोही समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) का कमांडर इन चीफ है।
नई दिल्ली। असम सरकार द्वारा रविवार को जारी की गई नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) में कई सांसदों के नाम शामिल नहीं हैं। इसकी बजाय NRC में अलगाववादी नेता परेश बरुआ का नाम है, जो प्रतिबंधित विद्रोही समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) का कमांडर इन चीफ है।
NRC में इसके अलावा कई लोगों के नाम नहीं हैं। इसमें से विपक्षी ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और धुबरी सांसद मौलाना बद्रुद्दीन अजमल और उनके दो बेटों का नाम गायब है। इसके अलावा पूर्व कांग्रेस मंत्री अरेंदु कुमार डे, विधायक शीलादिता देब, अश्विनी रॉय सरकार, निजानुर रहमान, नूरुल हुदा और नजरूल हक और पूर्व विधायक अबू तहरी बेपारी का नाम भी शामिल नहीं है। इस मसौदे में कुल 3.2 9 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नागरिक माना गया है।
NRC अधिकारियों ने 68.27 लाख परिवारों से आवेदन प्राप्त किए जिनमें 3.2 9 करोड़ व्यक्ति शामिल थे। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने बताया कि 1.39 करोड़ मामले जांच या फील्ड वेरिफिकेशन के तहत जारी हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं है, उन्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है। वो नाम अभी जांच प्रक्रिया में हैं।
असम सरकार ने अवैध रूप से बांग्लादेशी घुलपैठियों को निकालने के लिए NRC तैयार किया है। राज्य सरकार का कहना है कि अवैध रुप से भारत में रहने वाले लोगों को और रजिस्टर में जगह न पाने वाले विदेशी नागरिकों को देश से बाहर किया जाएगा। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने 31 दिसंबर को आधी रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पहले ड्राफ्ट की कॉपी दिखाई थी।
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