ओडिशा: दाना मांझी के बाद अब बेटे ने ट्रॉली-रिक्शा पर 4 किलोमीटर तक ढोया मां का शव
नई दिल्ली। ओडिशा के कालाहांडी में दाना मांझी का पत्नी की लाश उठाकर कई किलोमीटर पैदल चलने वाला वाकया बीते अभी बीता नहीं था कि ऐसा ही एक और मामला सामने आ गया है।
कई बार कॉल के बावजूद नहीं मिली एंबुलेंस तो बेटों ने 12 किमी तक मोटरसाइकिल पर ढोई मां की लाश
यह नया मामला भी ओडिशा का ही है। यहां के जाजपुर जिला अस्पताल में आदिवासी महिला की मौत के बाद उसके परिजन शव को ट्रॉली-रिक्शा से गांव तक ले गए।
दर्द की शिकायत पर भर्ती
65 वर्षीय आदिवासी महिला पाना तिरिका को पेट में दर्द की शिकायत हुई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी स्थिति खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
गूगल पर अब नहीं मिलेगी इस शब्द से जुड़ी जानकारी
नहीं मिल सका कोई वाहन
राज्य सरकार ने पिछले महीने शव ले जाने के लिए मुफ्त वाहन सर्विस 'महाप्रयाण' शुरू की थी। इसके बावजूद पाना की लाश को घर तक ले जाने के लिए जाजपुर जिला अस्पताल से वाहन की व्यवस्था नहीं हो सकी। विश्वकर्मा पूजा दिवस होने की वजह से शनिवार को कोई एंबुलेंस भी नहीं मिली।
#Uri Terror Attack : आतंक के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी दल, सख्त कार्रवाई की मांग
ट्रॉली-रिक्शा पर ले गया बेटा
खबरों की मानें तो अस्पताल के आसपास शव लादकर पहुंचाने वालों ने मृतका के परिजनों से अंकुला गांव तक जाने के लिए बेहिसाब रकम की डिमांड की। अस्पताल से गांव की दूरी 4 किलोमीटर थी। जब कोई विकल्प नहीं बचा था तब मृतका के बेटे गुना तिरिका ने एक ट्रॉली-रिक्शा पर अपनी मां के शव को रखा और इसे गांव तक ले गया।
इस मामले पर जाजपुर जिला मेडिकल आॅफिसर फनिन्द्र पनिग्रही से संपर्क की कोशिश विफल रही।