साल 2019 में कांग्रेस के लिए भाजपा ही नहीं, ये विपक्षी पार्टियां भी हैं चुनौती
नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी लगातार अपने सुधार के दावे कर रही है और साल 2019 में होने वाले चुनाव में भाजपा को चुनौती देने की बात भी कर रही है, लेकिन कांग्रेस के लिए राह ये इतनी आसान भी नहीं है। 2014 में केंद्र के गद्दी में भाजपा के बैठने के बाद से विपक्ष में वो एकता नहीं दिखी हैं, जिसकी कल्पना की जा रही थी। यही हाल 2019 में भी दिख सकता है, जो भाजपा को फायदा पहुंचाएगा।
हर चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अलग-अलग नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरते हैं। वोटरों के लिए अलग-अलग मैसेज होते हैं। भाजपा जहां हिंदुत्व, सांस्कृतिक और आर्थिक राष्ट्रवाद के मुद्दों उठाती है तो कांग्रेस का फोक्स गांधी के नाम और विरासत पर रहता है।
कांग्रेस बीएसपी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट जैसी पार्टियां के लिए मैसेज एक ही रहता है साथ इन सबका वोटर भी एक ही रहता है। ये पार्टियों लोगों को लुभाने वाली स्कीमों और सेक्लुर जैसे मुद्दों पर बात करती हैं।
कांग्रेस इतनी मजबूत नहीं लग रही कि वो भाजपा के साथ-साथ इन विपक्षी पार्टियों से लड़े। उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल गांधी को इस साल के अंत तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस ने अपनी सोशल मीडिया स्ट्रैटिजी को दुरुस्त कर लिया है और पार्टी के सिपहसालार बीजेपी को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। लेकिन इस दावे पर कई बार सवाल उठते रहे हैं।
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