जिनपिंग बोले- हमारे विकास से पड़ोसियों को नहीं होगा खतरा
बीजिंग। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन के आशंकित पड़ोसियों को आश्वासन दिया कि बीजिंग बातचीत के माध्यम से अपने विवादों को सुलझाने के लिए तैयार है, लेकिन अपने रणनीतिक हितों की कीमत पर नहीं। जिनपिंग के इस बयान को हाल ही में भारत के साथ हुए डोकलाम विवाद और दक्षिण पूर्वी सागर में चीन के विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है। जिनपिंग ने यह बातें चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक की शुरुआत करते हुए कहीं। इस बैठक में अगले पांच साल के दूसरे कार्यकाल की रुपरेखा तय होगी। सीपीसी के महासचिव शी ने पांच सालाना कांग्रेस में साढ़े तीन घंटे के संबोधन में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को एक विश्व श्रेणी की सेना बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की। इस बैठक में शी के दूसरे कार्यकाल की पुष्टि के साथ ही उनके साथ काम करने वाले नये नेताओं का चुनाव होना तय है। 64 वर्षीय जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के समाजवादी ढांचे को बरकरार रखते हुए उसे मजबूती प्रदान करने पर भी जोर दिया।
पड़ोसी देशों से रिश्तों पर बोलते हुए चिनपिंग ने कहा कि चीन कभी भी विस्तारवादी काम में शामिल नहीं होगा, चाहे चीन विकास के किसी भी स्तर तक पहुंच जाए। जिनपिंग ने कहा, 'चीन बाकियों के हितों को अनदेखा कर कभी भी अपना विकास नहीं करेगा और उसके विकास से कभी किसी को खतरा नहीं होगा।
बैठक के उद्घाटन सत्र में पूर्व राष्ट्रपतियों जियांग जेमिन, हू जिंताओ के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों वेन जियाबाओ सहित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अन्य पूर्व नेता शी के साथ मंच पर पहली पंक्ति में बैठे हुए थे। सप्ताह भर चलने वाली बैठक में पार्टी के संविधान का संशोधन भी होगा। अपने संबोधन के दौरान जिनपिंग ने सेना को मजबूत करने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान जारी रहने और समाजवाद का एक नया युग लाने पर बल दिया।