बेंगलुरु में आईसीयू बेडों को लेकर क्यों मचा हाहाकार, सामने आई ये बड़ी वजह
कोविड-19 की पिछले साल आई पहली और अप्रैल 2021 में आई दूसरी लहर के बीच बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में उपस्थित आईसीयू वेंटिलेटर बेडों की संख्या में केवल 18 बेड और जोड़े गए, जबकि पिछले साल केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को
बेंगलुरु, 26 अप्रैल। कोविड-19 की पिछले साल आई पहली और अप्रैल 2021 में आई दूसरी लहर के बीच बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में उपस्थित आईसीयू वेंटिलेटर बेडों की संख्या में केवल 18 बेड और जोड़े गए, जबकि पिछले साल केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को 2,025 वेंटिलेटर बेडों की सप्लाई की थी।
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शुरुआत में प्रशासन ने वेंटिलेटर बेड को बढ़ाने पर जोर दिया, लेकिन जैसे ही अक्टूबर 2020 में केस घटने शुरू हुए अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ाने का मामला ठंडा पड़ गया और अब स्थिति ये है कि बेंगलुरु में एक बार फिर से कोरोना के केसों में वृद्धि हुई है और अस्पतालों में आईसीयू वेंटिलेटर्स बेडों की कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग आईसीयू वेंटिलेटर्स बेडों की तलाश में एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल भाग रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था उस समय बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में 99 आईसीयू बेड थे जिनमें से 77 दो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में थे जबकि 22 बेड 15 सरकारी अस्पतालों में थे। वहीं, बेंगलुरु की केंद्रीयकृत अस्पताल बेड आवंटन प्रणाली के अनुसार वर्तमान में बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेडों की संख्या 117 है, जिसे अप्रैल की शुरुआत में बढ़ाया गया था। इनमें से 47 बेड मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में हैं जबकि 70 बेड 13 अन्य सरकारी अस्पतालों में हैं। यानि जो संख्या पिछले साल 99 थी उसे बढ़ाकर 117 कर दिया गया, मतलब इस साल केवल 18 बेड और जोड़े गए, जबकि वेंटिलेटर की केंद्रीय आपूर्ति के अनुसार बेंगलुरु के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या कम से कम 300 होनी चाहिए थी।
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आलम यह है कि बेंगलुरु के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपस्थित सभी बेड फुल हो गए हैं और अब लोग आईसीयू बेड की तलाश में मारे मारे फिर रहे हैं। अस्पतालों ने गेट पर नो आईसीयू बेड अवेलेबल के बोर्ड लगा दिए हैं। कोरोना के गरीब मरीजों को वेंटिलेटर बेड की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
कोरोना के एक्टिव केसों के मामले में बेंगलुरु देश का नंबर वन जिला बन गया है, जिसके बाद महाराष्ट्र का पुणे आता है। बेंगलुरु में कोरोना के 1,49,624 सक्रिय मामले हैं। खाली अप्रैल में बेंगलुरु में कोरोना के कारण 1200 लोगों की मौत हो गई।
बेंगलुरु के लेडी कर्जन और बॉरिंग अस्पताल, जोकि सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल है वहां आईसीयू बेडों की संख्या 10 बनी हुई है जबकि केंद्र ने उसे 45 वेंटिलेटर बेड मुहैया कराए थे। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल में सीमित ऑक्सीजन भंडारण और आपूर्ति प्रणाली के कारण नए आईसीयू बेडों को उपयोग में नहीं लिया गया।
अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि पिछले सप्ताह तक हमें ऐसा नहीं लग रहा था कि इतने बड़े स्तर पर आईसीयू बेडों की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि उस समय केवल 7-8 मरीज को ही वेंटिलेटर बेडों की जरूरत पड़ रही थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस समय 96 बेडों का स्टॉक है और फिलहाल बैकअप फैसिलिटी के तौर पर अभी उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
वहीं, स्कैनरे टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक विश्वप्रसाद अल्वा ने कहा कि पूरे देश में कम से कम 15 से 20 हजार वेंटिलेटर बेड ऐसे हैं जिन्हें अस्पतालों ने स्टोर रूम में रख रखा है और उन्होंने इसके बारे में सरकार को इसलिए नहीं बताया क्योंकि ऐसा करने पर उनके ऊपर मरीजों को भर्ती करने का दबाव बढ़ जाएगा।
मालूम हो कि साल 2020 में देश भर में 50 हजार वेंटिलेटर बेडों की सप्लाई के लिए पीएम केयर्स फंड से 2 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे और स्कैनरे टेक्नोलॉजीज को इनमें से 30 हजार वेंटिलेटर सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
वहीं कर्नाटक के अतिरिक्त मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव जावेद अख्तर ने इसको लेकर कहा कि केंद्र ने जो भी वेंटिलेटर भेजे थे उनमें से ज्यातर को तैनात कर दिया गया है, केवल कुछ ही वेंटिलेटर बेड सरकार के पास हैं। उन्होंने कहा कि कुछ आईसीयू वेंटिलेटर को प्राइवेट अस्पतालों में भी तैनात किया गया है क्योंकि उनके पास डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में ही ऐसा किया गया है। सचिव ने आगे कहा कि जो 50-60 बेड सरकार के पास बचे हैं उन्हें भी परिस्थिति के अनुसार उपयोग में लाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि हमने तालुक अस्पतालों में भी आईसीयू की सुविधा शुरू की है, जिससे बड़ी संख्या में वेंटिलेटर बेडों की खपत हुई है। वहीं, राज्य से स्वास्थ्य मंत्री डीके सुधाकर ने दावा किया कि आने वाले 15 दिनों में कम से कम 2 हजार अस्थाई आईसीयू बेड तैयार होंगे। उनमें से 800 से अधिक वेंटिलेटर होंगे। विक्टोरिया अस्पताल परिसर में, 250 आईसीयू बेड स्थापित किए जाएंगे और एक अन्य नए भवन में 150-200 आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाएगी, जिनमें 100 वेंटिलेटर होंगे।