क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

वो औरत, जो रोक सकती है इस्लाम में एक से ज्यादा शादी

तीन तलाक़ के बाद भारत में मुसलमान मर्दों के लिए एक से ज़्यादा बीवियां रखना भी असंवैधानिक हो सकता है.

अगर ऐसा होगा तो इसकी एक बड़ी वजह होंगी 39 साल की समीना बेगम.

उत्तर प्रदेश के संभल से ताल्लुक रखने वाली समीना तीन तलाक़ का दर्द भी जानती हैं और अपने ही पति की दूसरी पत्नी को देखने का दर्द भी.

समीना मिलने के लिए हांफते हुए एक धूलि-धूसरित इमारत के 

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
pakistan woman

तीन तलाक़ के बाद भारत में मुसलमान मर्दों के लिए एक से ज़्यादा बीवियां रखना भी असंवैधानिक हो सकता है.

अगर ऐसा होगा तो इसकी एक बड़ी वजह होंगी 39 साल की समीना बेगम.

उत्तर प्रदेश के संभल से ताल्लुक रखने वाली समीना तीन तलाक़ का दर्द भी जानती हैं और अपने ही पति की दूसरी पत्नी को देखने का दर्द भी.

समीना मिलने के लिए हांफते हुए एक धूलि-धूसरित इमारत के पांचवे माले पर जाना होता है.

pakistan woman

एक छोटे से कमरे वाले फ़्लैट की दीवारों को देखकर ऐसा लगता है जैसे उन पर उनके संघर्ष की हज़ारों कहानियां लिखीं हों.

भरी दुपहरी में एक बिस्तर पर उनके दो बेटे सिर तक चादर ताने सो रहे हैं.

एक बिस्तर पर समीना बैठी हैं और नीचे उनका छोटा बेटा दो चूजों के साथ खेल रहा है. वो कभी चूजों को पानी पिलाता और उभी उन्हें उठाकर अपनी हथेली पर रख लेता है.

जुकाम और खांसी से परेशान समीना खरखराती आवाज में बताती हैं, "पहले शौहर ने बस एक चिट्ठी भेजकर रिश्ता तोड़ लिया जिसमें तीन बार तलाक़ लिखा हुआ था और दूसरे ने फ़ोन पर तलाक़ दे दिया."

pakistan woman

क्या है निकाह हलाला, क्यों होगी कोर्ट में सुनवाई?

उन्हें शेरो-शायरी का बहुत शौक़ था और 17 साल की उम्र में वो एक मुशायरे में शामिल होने दिल्ली आई थीं.

फीकी हंसी हंसते हुए वो कहती हैं, "उधर मैं मंच पर बैठी शेर पढ़ रही थी और इधर दर्शकों में बैठे एक शख़्स ने मुझसे शादी करने का मन बना लिया. "

मुशायरा ख़त्म होने के बाद उस शख़्स ने समीना के सामने आकर उनकी ख़ूब तारीफ़ की. तारीफ़ के बदले समीना ने उसका शुक्रिया अदा कर दिया.

मुशायरे के सिलसिले में समीना का दिल्ली आना-जाना लगा रहा और वो शख़्स भी उनसे मिलता रहा.

जान-पहचान और दोस्ती के बाद उसने समीना के अब्बा से उनका हाथ मांगा. उसने कहा कि वो उनसे बेपनाह मोहब्बत करता है और अगर समीना से उसका निकाह नहीं हुआ तो वो जान दे देगा.

काफी सोचने-समझने और सलाह-मशविरों के बाद समीना का परिवार राज़ी हुआ और दोनों का निकाह करा दिया गया.

शादी के दूसरे दिन से ही उत्पीड़न शुरू

इस बार समीना शायरा नहीं बल्कि दुल्हन बनकर दिल्ली आईं. उन्होंने कहा, "मुझे इससे प्यार तो नहीं था लेकिन मैं ये सोचकर ख़ुश ज़रूर थी कि कोई मुझे इतना चाहता है. मुझे लगा था अब ज़िंदगी सुकून से कटेगी."

शाहबानो, तीन तलाक से लेकर सोमनाथ तक...

उम्मीद के उलट शादी के दूसरे दिन से ही उनकी ज़िंदगी का सुकून छिन गया. अपने वादे के उलट उनके पति ने उनसे पर्दे में रहने और शेरो-शायरी बंद करने का आदेश दिया.

17-18 साल की समीना को जैसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. शादी के कुछ महीने बाद वो प्रेग्नेंट हो गईं और एक बच्चे के जन्म के कुछ महीने के बाद ही दोबारा प्रेग्नेंट.

इसके साथ ही शुरू हो गई रोज की मारपीट और गाली-गलौज. वो याद करती हैं, "उसे मुझसे प्यार नहीं था. बस कुछ पलों के जुनून के लिए उसने मुझसे शादी की थी. जल्दी ही वो ऊब गया और मुझसे छुटाकारा पाने की तरकीबें सोचने लगा."

पहले वो समीना को छोड़कर पटना भागा और फिर कानपुर. फिर कुछ दिनों बाद उनके पास एक चिट्ठी आई. चिट्ठी में लिखा था- तलाक़, तलाक़, तलाक़.

तलाक के बाद समीना अपने दोनों बच्चों को अकेले ही पालती रहीं. दिन-रात रोने और ख़ुदकुशी के ख़यालों के बीच ज़िंदगी कटती रही.

दूसरी शादी में भी धोखा

साल 2012 में समीना की ज़िंदगी में एक और शख़्स आया. उसने समीना को बताया कि उसकी बीवी उसे धोखा देकर भाग गई है और वो अकेले अपने तीन बच्चों को पाल रहा है.

समीना को लगा कि वो उनका दर्द समझेगा क्योंकि उसे भी धोखा मिला है. उन्होंने बहुत सोच-समझ कर निकाह किया लेकिन इस बार भी उन्हें धोखा ही मिला.

तीन तलाक़ पर कहाँ थी महिलाओं की आवाज़?

उन्होंने बताया, "शादी के बाद मुझे पता चला कि उसकी बीवी कहीं नहीं भागी है और वो उसके यूपी वाले घर में रहती है. मैं जिसे अपना शौहर समझ रही थी, उसकी पहले से एक बीवी थी. इस बीच मेरा उससे एक बेटा भी हो चुका था."

गुस्से और दुख से भरी समीना ने जब उससे जवाब मांगा तो उसने क़ुरान और शरीया का हवाल दिया. उसने कहा कि एक मर्द चार बीवियां रख सकता है. इसके बाद फिर लड़ाई-झगड़े बढ़ने लगे और उसने फ़ोन करके समीना को तलाक़ दे दिया.

'इस्लाम के चोले में अय्याशी'

इसके बाद ही उन्होंने तीन तलाक़, हलाला और बहुविवाह को इस्लाम से उखाड़ फेंकने की क़मस खाई.

वो गुस्से से कहती हैं, "ये मर्द इस्लाम का चोला पहनकर अय्याशी करते हैं, और कुछ नहीं."

तीन तलाक के ख़िलाफ़ लड़ाई में जिन औरतों ने आगे बढ़कर मोर्चा थामा, उनमें से एक समीना बेगम भी थीं.

वो कहती हैं,''एक और समीना नहीं बननी चाहिए...''.

इस जीत के बाज अब समीना ने बहुविवाह, हलाला, निकाह मुता और निकाह मिस्यार के ख़िलाफ़ लड़ाई ठानी है. सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगा.

लेकिन क्या वाक़ई इस्लाम में चार बीवियां रखने की इजाज़त है?

pakistan woman

इस सवाल पर इस्लाम के जानकार प्रोफ़ेसर ताहिर महमूद हंसते हुए कहते हैं, "अगर आज मोहम्मद साहब होते तो जो मुसलमान मर्दों का रवैया देखते हुए उन्हें एक भी बीवी रखने की इजाज़त न देते!"

प्रोफ़ेसर ताहिर के मुताबिक, "जब चार शादियों की बात कही गई उस वक़्त हालात आज से बहुत अलग थे. कबीलों में युद्ध होते रहते थे और पुरुष मरते रहते थे. इसलिए विधवा और बेसहारा औरतों को संरक्षण देने के मक़सद से चार शादियों की बात कही गई."

तीन तलाक़: जो मांगा वो मिला ही नहीं!

तारिक महमूद के मुताबिक उस वक़्त के लिए लिखी गई बातों को आज आंख मूंद कर लागू करना बुद्धिमानी नहीं है. उन्होंने कहा, "लोग कुरान में चार शादियों की बात तो पढ़ लेते हैं मगर ये नहीं पढ़ते कि उसमें ये भी लिखा है कि अगर आप चारों औरतों को एक जैसा प्यार और सहूलियत नहीं दे पा रहे हैं तो ये हराम है."

प्रोफ़ेसर महमूद कहते हैं कि पुरुष कुरान और शरीया का मनमाना इस्तेमाल करते हैं जो निहायत ही ग़लत है.

वो एक और मुद्दे की ओर ध्यान दिलाते हैं- दूसरे धर्मों के पुरुषों का इस्लाम की आड़ औरतों को धोखा देकर कई शादियां करना.

उन्होंने कहा, "पुरुष सिर्फ दूसरी शादी करने के लिए इस्लाम कबूल कर लेते हैं और फिर मनमानी करते हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि धर्मांतरण का सहारा लेकर आप दूसरी शादी नहीं कर सकते लेकिन लोग बेरोक-टोक ऐसा कर रहे हैं."

'तीन तलाक़ पर सरकार ने सिर्फ़ मौलानाओं की सुनी'

कई बार ये दलील दी जाती है कि मौजूदा वक़्त में बहुविवाह के मामले बहुत कम हैं और इस मामले को ज़रूरत से ज़्यादा तूल दिया जा रहा है?

इस पर सुप्रीम कोर्ट के वकील आशुतोष कहते हैं, "ये बहुत ही कमज़ोर दलील है. तकरीबन 125 करोड़ आबादी वाले भारत में अगर 10 औरतों के साथ भी नाइंसाफ़ी होती है तो ये शर्मनाक है."

वो कहते हैं, "मैं कोई तुलना नहीं कर रहा हूं लेकिन अगर एक व्यक्ति की हत्या होती है तो क्या आप ये कहकर इस मामले को दरकिनार कर देंगे कि एक ही व्यक्ति तो मरा है?"

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
The woman who can stop more than one marriage in Islam
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X