नवाज शरीफ और सेना में अनबन का नतीजा है जाधव को मिली मौत की सजा!
भारतीय नागरिका कुलभूषण जाधव को मिली मौत की सजा सेना और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच टकराव का नतीजा। विशेषज्ञों का कहना जाधव के लिए आने वाला समय काफी मुश्किल होने वाला है।
नई दिल्ली। सोमवार के पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुना दी है। अब माना जा रहा है कि अपनी सजा से बचने के लिए जाधव को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान में मौजूद सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मौत की सजा जल्दबाजी में हुए ट्रायल में सुना दी गई और कोई वकील भी जाधव को नहीं दिया गया था।
गायब है आईएसआई का ऑफिसर
जाधव
ने
जो
बयान
पिछले
वर्ष
पाकिस्तान
में
दिया
और
जिसका
वीडियो
बनाकर
पाकिस्तान
ने
पूरी
दुनिया
को
दिखाया,
उसके
मुताबिक
जाधव
एक
रिटायर्ड
नेवी
ऑफिसर
है।
इस्लामाबाद
में
मौजूद
सूत्रों
की
मानें
तो
जाधव
को
अब
अपील
के
लिए
पहले
मिलिट्री
कोर्ट
जाना
होगा
ओर
फिर
सुप्रीम
कोर्ट
ओर
फिर
से
उसे
पाकिस्तान
के
राष्ट्रपति
से
अपील
करनी
होगी।
इस्लामाबाद
के
एक
वकील
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
जाधव
का
भविष्य
अब
पाकिस्तान
के
जनरल
और
राजनेताओं
पर
ही
निर्भर
है।
जाधव
पर
जो
फैसला
आया
है
उसके
बारे
में
सूत्रों
का
कहना
है
कि
वह
रिटायर्ड
पाकिस्तानी
लेफ्टिनेंट
कर्नल
मोहम्मद
हबीब
जहीर
के
गायब
होने
के
बाद
आया
है।
जहीर,
भारत-नेपाल
बॉर्डर
पर
स्थित
लुम्बिनी
से
गायब
हो
गया
था।
पाकिस्तान
को
इस
बात
का
शक
है
कि
भारत
की
इंटेलीजेंस
एजेंसी
ने
इस
पूर्व
आईएसआई
ऑफिसर
को
लालच
देकर
अपने
साथ
मिला
लिया
है।
जहीर
पर
भारत-नेपाल
बॉर्डर
पर
आतंकी
नेटवर्क
को
चलाने
के
पीछे
अहम
किरदार
माना
जाता
है।
पीएम नवाज को भी नहीं थी जानकारी
पाकिस्तान में मौजूद सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी जाधव पर आने वाले फैसले के बाबत कोई सलाह मशविरा नहीं किया गया था। आखिरी क्षणों में मिलिट्री कोर्ट में ट्रायल हुआ और पाकिस्तान आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की हरी झंडी के बाद उन्हें मौत की सजा सुना दी गई। वहीं भारत सरकार से जुड़े सूत्रों की ओर से बताया जा रहा है कि भारत सरकार को भी इस फैसले से पहले रविवार शाम तक कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सोमवार को जब जाधव को मौत की सजा सुनाई गई तो पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस फैसले से पाकिस्तान के खिलाफ साजिश करने वालों को एक चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए। पाकिस्तान का यह फैसला पहले से ही खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को और कमजोर कर देगा।