तमिलनाडु: सुबह BJP में एंट्री लेने वाले DMK विधायक को मिला टिकट, कार्यकर्ताओं में नाराजगी
चेन्नई। तमिलनाडु में अपनी एंट्री करने को बीजेपी किस तरह बेकरार है इसका अंदाजा इस बात से लग रहा है कि रविवार सुबह डीएमके विधायक पी सरवणन बीजेपी में शामिल हुए और जब दोपहर में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने तमिलनाडु के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए तो उसमें उनका नाम शामिल था। पी सरवणन को बीजेपी ने मदुरई उत्तरी विधानसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है। लेकिन हाईकमान के इस फैसले को लेकर स्थानीय नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है।
सरवणन को टिकट मिलने से नाराजगी
रविवार सुबह तिरुप्पारनकुंद्रम सीट से द्रमुक मुनेत्र कड़गम से विधायक पी सरवणन ने भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली थी। वे 2019 में हुए उपचुनाव में तुरुप्पारनकुंद्रम सीट से चुनाव जीते थे। डीएमके के सीटिंग विधायक के बीजेपी ज्वाइन करने की खबर ने जहां सभी को चौंकाया था वहीं सिर्फ कुछ घंटों बाद जारी बीजेपी उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम शामिल होने ने उससे ज्यादा चौंकाया। खासकर बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं को।
मदुरई उत्तर सीट से पी सरवणन को टिकट दिए जाने का बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पार्टी के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि यह बहुत दुखद है कि पार्टी नेतृत्व ने लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर दी और हमसे नए-नए पार्टी में शामिल होने वाले के लिए काम करने को कह दिया गया है।
एक बीजेपी नेता ने सवाल उठाया कि आखिर पार्टी कैडर किस आधार पर चुनाव में काम करेगा जब राज्य के नेताओं के जरिए नए नवेले पार्टी में शामिल होने वाले को कुछ ही घंटे बाद विधानसभा का उम्मीदवार बना दिया जाता है।
डीएमके ने नहीं दिया था टिकट
उन्होंने कहा "सरवणन कल तक डीएमके विधायक थे। कैसे हमारे गठबंधन का प्रमुख सहयोगी एआईएडीएमके का कैडर उनकी जीत के लिए काम करेगा ?" राज्य में सत्ताधारी एआईडीएमके और डीएमके एक दूसरे की कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं।
इससे पहले रविवार पी सरवनन चेन्नई में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एल मुरुगन की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए थे। तिरुप्पारनकुंद्रन सीट से उपचुनाव जीतने वाले DMK के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया था। इस बार तिरुपरंकुंद्रम सीट डीएमके गठबंधन में सीपीएम के खाते में गई है।
पांच साल पहले जब सरवनन एमडीएमके के मदुरै ग्रामीण इकाई के सचिव थे। समय वह डीएमके में शामिल हो गए क्योंकि एमडीएमके ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।
बीजेपी में शामिल होने पर क्या बोले थे सरवणन ?
भाजपा में शामिल होने के बाद सरवणन ने मीडिया से कहा था "मैं डीएमके से बाहर आया क्योंकि मैं पार्टी में मिल रही यातनाओं को बर्दाश्त नहीं कर सकता था। जिला कैडर ने मुझे टिकट न देने के लिए पार्टी प्रमुख को यह कहा कि सीपीएम की तिरुप्पारनकुंद्रम में मजबूत पकड़ है। जबकि उन्होंने (सीपीएम) निर्वाचन क्षेत्र के लिए कभी भी मांग नहीं की। आज भी निर्वाचन क्षेत्र के लोग मुझे जीतता हुआ देखना चाहते हैं और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। मैं पैसे कमाने के लिए राजनीति में नहीं आया था। मैं इसे केवल सेवा के रूप में देखता हूं। जिसे नहीं करने दिया जा रहा था, इसलिए मैने पार्टी छोड़ दी।"
उन्होंने यह भी कहा था कि वह चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी में नहीं शामिल हुए हैं।
तमिलनाडु: चुनाव से पहले DMK को झटका, विधायक पी. सरवणन ने थामा बीजेपी का हाथ