तमिलनाडु: चश्मदीद का खुलासा, बाप-बेटे को रातभर बुरी तरह पीटती रही पुलिस
चेन्नई। तमिलनाडु के तूतिकोरिन के सथानकुलम पुलिस स्टेशन में में पिता पी जयराज (59) और बेटे जे बेनिक्स (31) मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपी गई थी। मामले की जांच करने के लिए नियुक्त किए गए मजिस्ट्रेट ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में उन्होंने पिता-पुत्र को रात भर पीटे जाने का जिक्र किया है। कोविलपट्टी के न्यायिक मजिस्ट्रेट एमएस बारातिदासन द्वारा सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में प्रस्तुत की गई चार पन्नों की जांच रिपोर्ट में एक पुलिसकर्मी की गवाही का हवाला दिया गया है।
जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे को ऑटो डिलीट पर लगाया गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि, यह पुलिसकर्मी केस में एकमात्र गवाह है, जिसने पुष्टि की है कि पिता और पुत्र दोनों को पूरी रात थाने में पीटा गया था। थाने के सीसीटीवी कैमरे को ऑटो डिलीट पर लगाया गया था। ऐसा जानबूझकर किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि 1 टीबी (टेराबाइट) के पर्याप्त स्टोरेज के बावजूद, पाया गया कि सिस्टम को इस तरह से प्रोग्राम किया गया था कि फुटेज रोज डिलीज हो जाती थी। पिटाई का वीडियो भी ऑटो डिलीट हो गया था।
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पुलिस ने मजिस्ट्रेट के साथ किया दुर्व्यवहार
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि, पुलिस पहले ही दिन से जांच में सहयोग नहीं कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, जब 28 जून को दोपहर 12.45 बजे कोर्ट स्टाफ के साथ मजिस्ट्रेट बारातीदासन पुलिस थाने में पहुंचे तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सी प्रतापन और डी कुमार वहां मौजूद थे लेकिन उन्होंने मजिस्ट्रेट को महत्व नहीं दिया। रिपोर्ट में कहा गया है, कुमार खड़े थे और अपनी शारीरिक शक्ति दिखाने के लिए अपने शरीर को फ्लेक्स कर रहे थे। मजिस्ट्रेट ने दोपहर 1 बजे अपनी जांच शुरू की, जो 15 घंटे तक चली।
पीड़ितों को पुलिस ने रातभर पीटा
मजिस्ट्रेट बारातीदासन की शिकायत पर पुलिस उपाधीक्षक सी प्रतापन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी कुमार और सथानकुलम थाने के कांस्टेबल महाराजन के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया गया है। इन पुलिस अधिकारियों पर आरोप हैं कि, उन्होंने जांच कराने में सक्रिय रूप से बाधा डाली थी। महाराजन ने पूछताछ के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट से कथित तौर पर दुर्व्यवहार भी किया था पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों को वेटिंग में रखा गया है जबकि कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। स्टेशन के तीन अन्य पुलिसकर्मियों - एक निरीक्षक और दो उप निरीक्षकों को पिछले सप्ताह ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया था।
'पिता और पुत्र को 19 जून की रात और सुबह तक पीटा गया'
मजिस्ट्रेट ने एक महिला हेड कांस्टेबल की गवाही दर्ज की है। वह रिकॉर्ड पर एकमात्र गवाह, जो 19 जून की रात को मौजूद थी। उसने गवाही दी है कि पिता और पुत्र को 19 जून की रात और सुबह तक पीटा गया था। थाने में लाठियों और एक मेज पर खून के धब्बे मिले हैं। प्रमुख गवाह ने अपनी नाम ओपन करने के लिए कहा है। उसे अपनी साथी पुलिसकर्मियों से खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों का एक समूह थाना परिसर के पास एक पेड़ के नीचे एकत्र हो गया था और मजिस्ट्रेट के साथ अदालत के कर्मचारियों को परेशान किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालात देखकर महिला कांस्टेबल घबरा रही थी और हमने उसे मुश्किल से शांत किया। रिपोर्ट में, मजिस्ट्रेट ने कहा कि स्टेशन के अधिकारियों ने जानबूझकर दस्तावेजों और रिकॉर्ड लाने में देरी की। रिपोर्ट में स्टेशन में पुलिस के डराने वाले रवैये के बारे में भी बताया गया है।
तूतीकोरीन पिता-पुत्र मौत मामला: एएसपी-डीएसपी का ट्रांसफर, कांस्टेबल सहित कोर्ट में पेश होने का आदेश