स्वाति मालीवाल ने पीएम मोदी को लिखा खत, पूरे देश में 'दिशा बिल' लागू करने की मांग
नई दिल्ली। देश में बढ़ती रेप की घटनाओं के विरोध में 12 दिन से आमरण अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि दिशा बिल को पूरे देश में लागू किया जाए। अनशन के 12वें दिन भी प्रधानमंत्री की ओर से कोई जवाब ना मिलने पर मालीवाल ने दुख जाहिर किया।
उन्होंने कहा, 'आज मेरे आमरण अनशन का 12वां दिन है। मैंने आपको पहले ही दिन खत लिखकर जरूरी कार्रवाई की मांग की थी। मैं इस बात से काफी दुखी हूं कि इस कठिन समय और देशभर से उठती मांग के बीच आपने हमारी अपील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आज, हमारी सैकड़ों बेटियों और बहनों की जिंदगी रोज बर्बाद हो रही है। मैं खुद बलात्कारियों को सजा देने के लिए एक निश्चित ढांचे की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हूं।'
स्वाति मालीवाल ने दिशा बिल पास करने के लिए आंध्रप्रदेश विधानसभा की सराहना की और कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए यह बेहद जरूरी था। उन्होंने खत में प्रधानमंत्री के लिए लिखा है, 'ऐसा प्रतीत होता है मानो आपने जानबूझकर देश की बेटियों और बहनों के रोने और प्रार्थनाओं को अनदेखा करना चुना है।' उन्होंने कहा कि जिन मांगों को लेकर वह बीते 12 दिनों से आमरण अनशन पर हैं, उन सभी मांगों को आंध्रप्रदेश दिशा बिल में जगह दी गई है। यह बिल ऐतिहासिक है।
उन्होंने खत में प्रधानमंत्री से कहा, 'मैं आपसे अपील करती हूं कि पूरे देश में दिशा बिल को लागू किया जाए। मेरा इन 12 दिनों में 8 किलो से अधिक वजन कम हो गया है और मैं शारीरिक पीड़ा में हूं। लेकिन मैं आपको ये विश्वास दिला दूं कि मैं तब तक आमरण अनशन पर बैठी रहूंगी जब तक दिशा बिल देश में लागू नहीं हो जाता।' बता दें एक दिन पहले ही आंध्रप्रदेश विधानसभा ने दिशा बिल 2019 पास किया है।
इस बिल के तहत रेप और गैंगरेप के दोषी को 21 दिन में सुनवाई पूरी कर मौत की सजा सुनाई जाएगी। राज्य में विशेष अदालतें बनाई जाएंगी। इस बिल में एसिड अटैक, महिलाओं और बच्चों के साथ यौन शोषण और छेड़छाड़ की घटनाओं को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वालों को भी 2 साल की जेल की सजा सुनाई जाएगी और अगर वह शख्स इसी अपराध को दोहराता है तो ये सजा दोगुनी हो जाएगी।
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