हावड़ा में बीजेपी की रैली में बोले शुवेंदु अधिकारी- 28 फरवरी तक खाली हो जाएगी टीएमसी प्राइवेट लिमिटेड
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आज पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बीजेपी नेता अमित शाह की रैली प्रस्तावित थी, लेकिन उन्हें किन्हीं कारणों से अपना दौरा रद्द करना पड़ा।
नई दिल्ली। west bengal assembly election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आज पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बीजेपी नेता अमित शाह की रैली प्रस्तावित थी, लेकिन उन्हें किन्हीं कारणों से अपना दौरा रद्द करना पड़ा। उनकी जगह स्मृति ईरानी को रैली संबोधित करने के लिए भेजा गया है।
प्रदेश की जनता उस राजनीतिक दल का कभी समर्थन नहीं कर सकती जो अपनो को अपनो से लड़ाता है, केंद्र की सरकार से मात्र अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए बैर रखता है और जय श्रीराम के नारे को भी अपमानित करता है। उस दल में कोई राष्ट्रभक्त एक मिनट भी नहीं ठहर सकता
हाल ही में टीएमसी छोड़ भाजपा में शमिल हुए शुवेंदु अधिकारी ने रैली में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा, तृणमूल कांग्रेस अब एक पार्टी नहीं बल्कि एक निजी लिमिटेड कंपनी है। 28 फरवरी तक टीएमसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खाली कर दी जाएगी, किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।"
वहीं राजीब बनर्जी जिन्होंने कल ही टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अन्य नेताओं के साथ भाजपा का दामन थामा, ने कहा," हम पश्चिम बंगाल में डबल इंजन सरकार चाहते हैं। हम सोनार बांग्ला के लिए केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहते हैं।"
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गौरतलब है कि शनिवार को दिल्ली स्थिति गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर टीएमसी के नेता राजीब बनर्जी समेत बैशाली डालमिया, प्रबिर घोशाल, रथिन चक्रबोर्ती और अभिनेता रुद्रनील घोष भाजपा में शामिल हो गए थे।
शनिवार को भाजपा में शामिल हुए राजीब बनर्जी ने कहा,"टीएमसी से स्तीफा देने के बाद मुझे बीजेपी नेतृत्व का फोन आया..अमित शाह जी ने मुझे दिल्ली आने को कहा। उन्होंने मुझसे पांच अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक हस्तियों की जानकारी भी देने का अनुरोध किया, जो लोगों की सेवा करना चाहते थे।"
इससे पहले अमित शाह 30 और 31 जनवरी को राज्य का दौरा करने वाले थे। इस साल अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कई लीडरों का पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होना ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है।