सुषमा स्वराज हमेशा साड़ी के ऊपर जैकेट क्यों पहनती थी
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बेंगलूरू । सुषमा स्वराज जो खुद के नाम के आगे 'स्वराज' जोड़ती थीं उनके नाम की तरह उनकी लाइफ स्टाइल भी बिलकुल निराली थी। महिला नेताओं से लेकर वह हर भारतीय महिला के दिल में बसी हुई हैं। प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ उनके माथे पर चमकती गोल लाल बिंदी और किनारी वाली साड़ी हर किसी को भाता था और साड़ी के ऊपर जैकेट उनकी एक खास पहचान में से एक थी।यही नहीं, उनकी दिनचर्या ज्योतिष पर आधारित होती थी।
सुषमा स्वराज हमेशा साड़ी के ऊपर जैकेट क्यों पहनती थीं?
राजनीति में साड़ी पर जैकेट पहनने का ट्रेन्ड सुषमा स्वराज जी के बाद ही आया। सुप्रीम कोर्ट में वकालत के दौरान काला कोट पहनने वाली सुषमा स्वराज राजनीति में आने के कुछ समय बाद से ही साड़ी पर जैकेट पहनना आरंभ कर दिया । जिसके बाद कई महिला नेता और सीनियर महिला अधिकारी साड़ी पर ऊपर जैकेट पहनने लगी। इसे पहनने के पीछे कारण था कि उनकी ड्रेस को जैकेट एक फॉरमल लुक तो देता ही है, साथ ही यह सुविधाजनक भी होती है। चूंकि जैकेट में जेब होती है, जिसमें पेन और मोबाइल हाथ के बजाय रख्ने मे आसानी होती है। इसके अलावा सुषमा स्वराज जब सदन में या विदेश दौरे पर जाती थीं तो जिस रंग की साड़ी पहनती थीं,उससे मैचिंग हॉफ जैकेट भी पहनती थींं ।
पाकिस्तान दौरे पर जरूर पहनती थीं हरी साड़ी
पाकिस्तान के दौरे पर जब भी सुषमा स्वराज जाती थी तो हरे रंग की साड़ी ही पहनती थीं। जब इस बात पर सवाल उठाया गया तो उन्होंने सादगी से जवाब दिया कि चूंकि दिन बुध्वार था इसलिए वह बुधवार को हरे कपड़े और हरे रंग का ही भोजन करती हैं।
ज्योतिष पर आधारित थी दिनचर्या
सुषमा स्वराज की दिनचर्या पूर्ण रूप से ज्योतिष पर आधारित थी। रत्नो और अंक ज्योतिष में उनकाे बहुत विश्वास था। वह दिन के हिसाब से साड़ी का रंग चुन कर पहनती थी और उसी रंग का भोजन भी करना उन्हें भाता था। गुरूवार को वह पीली साड़ी पहनती थीं और भोजन भी पीले रंग का ही खाती थीं। वो सप्ताह के दिनों के हिसाब से खास रंग की साड़ियां पहनती हैं और उसी रंग की चीजें भी खाती थीं । सुषमा बुधवार को खासतौर पर हरी रंग की दाल खाती थीं और केवल हरी सब्जियां खाती थीं। उनके किचन में दिनों के हिसाब से सामग्रियों के अलग-अलग डिब्बे रखे होते हैं, जिससे उनके स्टाफ को रोज-रोज पूछना नहीं पड़ता था कि मैडम, आज क्या बनाएं?