मात्र 15 दिनों में कन्नड़ सीखकर बेल्लारी में सुषमा स्वराज ने दी थी ये स्पीच, देखें-दिल छू लेने वाला ये Video
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं है, अचानक उनके यूं चले जाने से पूरा देश सदमे में है, वो केवल भाजपा की ही नहीं बल्कि पूरे देश की लोकप्रिय नेताओं में से एक थीं, जिन्हें कोई शायद कभी भी भूल नहीं पाएगा, सुषमा स्वराज के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा था कि सुषमा में एक खास बात है कि वो कभी हार नहीं मानती और इसी वजह से शायद सुषमा पूरे देशवासियों के दिल में जगह बना पाई थीं।
सुषमा स्वराज ने 15 दिनों में सीखी थी कन्नड़
हर चैलेंज को हंसते-हंसते स्वीकार करना सुषमा स्वराज की आदत में शामिल था, जिसका साक्षात उदाहरण उन्होंने तब पेश किया जब उन्होंने कर्नाटक में चुनाव लड़ने के लिए मात्र 15 दिनों में कन्नड़ भाषा सीखी थी, बात 90 के दशक की है, जब सोनिया गांधी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने सुषमा स्वराज को बेल्लारी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था।
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कन्नड़ में दिया था भाषण
हिंदी और अंग्रेजी में भरपूर कमांड रखने वाली सुषमा ने कर्नाटक में रैली करने के लिए मात्र 15 दिनों में कन्नड़ भाषा सीखी थी, जो कि किसी के लिए भी आसान काम नहीं है, कन्नड़ सीखने के बाद उन्होंने केवल दो हफ्ते में ही बेल्लारीवासियों के दिलों में जगह बना ली थी, उन्होंने अपनी चुनावी सभा में कन्नड़ में भाषण दिया था,जिसे सुनने के बद कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि उन्होंने नई-नई भाषा सीखी है।
बेल्लारी से था इमोशनल रिश्ता
हालांकि हालांकि चुनावी नतीजा भले ही सोनिया गांधी के पक्ष में रहा लेकिन सुषमा ने उनको टक्कर दी, सुषमा स्वराज को 3, 58,000 वोट मिले और हार-जीत का अंतर महज 7% रहा था, इसके बाद उनका बेल्लारी से एक भावुक रिश्ता बन गया था, वो अक्सर बेल्लारीवासियों के लिए चिंतित भी रहती थीं।
67 साल की उम्र में निधन
गौरतलब है कि देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को 67 साल की उम्र में निधन हो गया, दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, एम्स पहुंचने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, डॉक्टर्स ने बताया कि उनकी मौत कार्डिएक अरेस्ट की वजह से हुई । आपको बता दें कि सुषमा स्वराज लंबे अर्से से बीमार चल रही थीं और उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था, बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था।
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