SC ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मामला संविधान पीठ को सौंपा
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेज दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार को ये मामला संविधान पीठ को सौंपा।
नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ को भेज दिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने शुक्रवार को ये मामला संविधान पीठ को सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल भी तैयार किए हैं जिनपर संविधान पीठ विचार करेगी। पीठ पता लगाएगी कि क्या महिलाओं को मासिक धर्म के आधार पर मंदिर से दूर रखा जाना सही है? ऐसा करने से क्या उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा?
सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। ये रोक इसलिए है क्योंकि मासिक धर्म के वक्त महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं। पिछले साल नवंबर में केरल सरकार ने कहा था कि वो महिलाओं के साथ खड़ी है और उनके प्रवेश के पक्ष में है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 20 फरवरी को इसपर फैसला सुरक्षित रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही कहा था कि इस मुद्दे को संवैधानिक पीठ को भेजा जा सकता है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश कई सालों से वर्जित है। महिलाओं के लिए काम कर रही कई संस्था प्रवेश के लिए सालों से लड़ाई लड़ रही हैं। वहीं मंदिर का प्रबंधन देख रही त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ खड़ी रही है।
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