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मुस्लिम लड़कियों की शादी की एक समान उम्र पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश पठानकोट के एक मुस्लिम जोड़े की याचिका पर आया था। जिन्होंने उनके परिवारों द्वारा उनकी अनुमति के बिना शादी करने की धमकी दिए जाने के बाद सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था

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Muslim girls

Supreme Court on minimum age of marriage Muslim girls: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा मुस्लिम लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को अन्य धर्मों के व्यक्तियों के समान करने के लिए दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र से चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा। भारत में विवाह के लिए न्यूनतम आयु वर्तमान में महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है। हालांकि, मुस्लिम महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु तब होती है जब वे यौवन को पा लेती है, और ये सामान्यत15 वर्ष की आयु मानी जाती है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि मुसलमानों को यौवन (लगभग 15) की उम्र में शादी करने की अनुमति देना मनमाना, तर्कहीन, भेदभावपूर्ण और दंडात्मक कानूनों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि यहां तक कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) भी 18 साल से कम उम्र के लोगों को सेक्स के लिए सहमति देने का प्रावधान नहीं करता है।

याचिका में कहा गया है कि नाबालिग मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी ताकि इस्लामी पर्सनल लॉ को अन्य धर्मों पर लागू दंड कानूनों के अनुरूप बनाया जा सके।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें कहा गया था कि 15 साल की एक मुस्लिम लड़की मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ शादी करने के लिए सक्षम है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था और मामले में अदालत की सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।

हाई कोर्ट ने जून में अपने आदेश में शादी पर मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा था कि एक 15 वर्षीय मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह के अनुबंध में प्रवेश करने के लिए सक्षम थी। एनसीपीसीआर ने वैधानिक कानूनों के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की मांग की है, जो विशेष रूप से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की सुरक्षा के लिए हैं।

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English summary
Supreme Court issued notice to Centre govt minimum age of marriage for Muslim girls
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