निर्भया गैंगरेप और मर्डर के दोषी विनय की पैंतरेबाजी हुई फेल, SC ने खारिज की दोनों याचिकाएं
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक विनय शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ा झटका लगा है। मौत को दौषी वियन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की न्यायधीश आर भानुमति ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दोषी विनय की राष्ट्रपति की दया याचिका खारिज करने के खिलाफ दायर की गई पिटीशन को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश ने उसकी उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसमें उसकी मानसिक स्थिति खराब होने का दावा किया गया था।
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शुक्रवार को जस्टिस अशोक भूषण और ए. एस. बोपन्ना के साथ जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ निर्भया गैंगरेप और मर्डर के दोषियों से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इसमें वह केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई वह याचिका भी थी जिसमें दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग की गई है। लेकिन दोषी विनय कुमार शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने के बाद जस्टिस आर भानुमति की तबीयत खराब हो गई जिस वजह से कोर्ट को स्थगित कर दिया गया है।
Supreme Court also said in its order, that the medical reports said that Vinay is psychologically fit and his medical condition is stable.
The Apex Court dismissed his petition, finding it devoid of merit. https://t.co/uQEv1iM9OL
— ANI (@ANI) February 14, 2020
एक
दोषी
कर
चुका
है
आत्महत्या
गौरतलब
है
कि
सात
साल
पहले,
साल
2012
में
दिल्ली
में
चलती
बस
में
पैरामेडिकल
की
छात्रा
निर्भया
से
6
दरिंदों
ने
गैंगरेप
किया
था
और
पीड़िता
को
बस
से
नीचे
फेंक
दिया
था।
दिल्ली
में
हुई
इस
हैवानियत
की
घटना
ने
पूरे
देश
को
हिलाकर
रख
दिया
है।
कुछ
दिनों
बाद
ही
इलाज
के
दौरान
निर्भया
ने
दम
तोड़
दिया
था।
इस
मामले
में
4
दोषियों
को
मौत
की
सजा
सुनाई
गई
है,
उनमें
से
एक
ने
तिहाड़
जेल
में
फांसी
लगाकर
आत्महत्या
कर
ली
थी
जबकि
एक
नाबालिग
दोषी
सजा
काटकर
जेल
से
बाहर
आ
चुका
है।
दोषी
पवन
के
मामले
में
सुनवाई
टली
वहीं
निर्भया
गैंगरेप
को
दोषियों
के
फांसी
में
देरी
पर
कोर्ट
ने
कहा
संविधान
का
अनुच्छेद
21
दोषियों
को
आखिरी
सांस
तक
अपनी
जान
बचाने
की
कोशिश
करने
का
अधिकार
देता
है।
कोर्ट
की
सुनवाई
को
अब
17
फरवरी
तक
स्थगित
कर
दिया
गया
है।
मालूम
हो
कि
दोषी
पवन
के
वकील
एपी
सिंह
के
केस
छोड़ने
के
बाद
से
मामला
फंस
गया
था।
दोषी
के
परिजनों
ने
कोर्ट
से
वकील
के
इंतजाम
के
लिए
दो
दिन
का
समय
मांगा
था
लेकिन
कोर्ट
ने
उन्हें
सरकारी
वकील
चुनने
को
कहा।
गुरुवार
तक
भी
वकील
न
चुने
जाने
तक
पटियाला
हाउस
कोर्ट
ने
मामले
पर
संज्ञान
लेते
हुए
रवि
काजी
को
दोषी
पवन
गुप्ता
का
वकील
नियुक्त
किया
है।
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