सुप्रीम कोर्ट ने 22 साल की महिला को दी गर्भपात की मंजूरी, बिना मस्तिष्क का भ्रूण पल रहा था पेट में
सुप्रीम कोर्ट ने एक 22 वर्षीय महिला को गर्भ में पल रहे उसके भ्रूण का गर्भपात करने की इजाजत दे दी है। एक 22 वर्षीय महिला के पेट में 24 सप्ताह का बच्चा पल रहा था।
मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने एक 22 वर्षीय महिला को गर्भ में पल रहे उसके भ्रूण का गर्भपात करने की इजाजत दे दी है। एक 22 वर्षीय महिला के पेट में 24 सप्ताह का बच्चा पल रहा था। पर उस गर्भ में पल रहे भ्रूण को ऐनिन्सेफली यानि जन्म से ही मस्तिष्क का विकास नहीं हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि इससे महिला की जान की खतरा भी था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस महिला को गर्भ में पल रहे भ्रूण को गिराने की इजाजत दी है। महिला मुंबई के थाणे के निकट डोम्बीवली की रहने वाली है। पिछले सप्ताह केईएम अस्पताल की तरफ से जमा की गई रिपोर्ट में बताया गया था कि अस्पताल के पैनल ने अपनी जांच में पाया है कि गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क का ही विकास नहीं हुआ था।
महिला को सलाह देने वाली डॉक्टर संगीता पिकाले ने बताया था कि इस तरह की परिस्थिति में जन्म के बाद ही बच्चे की मौत निश्चित है। महिला के पति संतोष पाल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि हमने एक साल पहले ही शादी की थी और यह मेरी पत्नी पहली बार गर्भवती हुई थी। महिला के पति संतोष पाल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि हमने एक साल पहले ही शादी की थी और यह मेरी पत्नी पहली बार गर्भवती हुई थी। एक साल के अंदर सुप्रीम कोर्ट के पास ऐसा दूसरा मामला पहुंचा है। जहां पर गर्भपात किए जाने को लेकर मंजूरी मांगी गई थी।