दिल्ली में अफगानिस्तान के नमक की वजह से बढ़ा था प्रदूषण: स्टडी
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में नवंबर-दिसंबर में प्रदूषण के काफी ज्यादा बढ़ जाने की एक बड़ी वजह अफगानिस्तान का नमक भी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली आईआईटी की एक साझा स्टडी के मुताबिक, दिल्ली में वेस्ट और नॉर्थ वेस्ट हवाओं के साथ अफगानिस्तान से पहुंचा नमक पर्यावरण में पीएम 2.5 के स्तर को बढ़ाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम 2.5 के कण में 11 फीसदी तक अफगानिस्तान से आए नमक का हिस्सा पाया गया है।
सेहत के लिए बुरा नहीं अफगान का नमक
दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ाने में अफगानिस्तान का नमक का भी एक वजह है लेकिन स्टडी में कहा गया है कि इससे सेहत पर बुरा असर नहीं होता है। रिपोर्ट के मुताबिक नमक सीधे तौर पर सेहत पर कोई बुरा असर नहीं डालता और ना ही शरीर के अंदर जाने पर भी नमक से कोई बड़ा दुष्प्रभाव होता है।
जांच में सामने आई बात
सीपीसीबी के एक साइंटिस्ट के मुताबिक, नमक की मात्रा तो दिल्ली की हवा में पहले भी पाई गई थी लेकिन तब लगा था कि यह समुद्री नमक है, जो बंगाल की खाड़ी या अबर सागर से दिल्ली पहुंच रहा है। जब इस पर रिसर्च की गई तो सामने आया कि सर्दियों के दौरान समुद्र की तरफ से हवा दिल्ली पहुंचती ही नहीं है। सर्दियों के दौरान सामान्य तौर पर दिल्ली में नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट की तरफ से हवाएं आती हैं और ये नमक अफगानिस्तान से आ रहा है।
खास तरीके से किया गया अध्ययन
इस स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने हाइब्रीड सिंगल पार्टिकल लाग्रंगियन इंटिग्रेटेड ट्रेजेक्ट्री मॉडल की मदद ली। यह मॉडल यूएस की साइंटिफिक एजेंसी नैशनल ओशिएनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है। आपको बता दें कि नवंबर में दिल्ली में प्रदूषण इमरजेंसी के स्तर पर पहुंच गया था। करीब 20 से 25 दिन तक तो आपात स्थिति रही थी।
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