Special Trains: राजधानी और मेल-एक्सप्रेस ट्रेन खाली क्यों चल रही हैं ? जानिए वजह
नई दिल्ली- देशभर में इस वक्त 115 जोड़ी स्पेशल राजधानी और अन्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लेकिन, उम्मीद के विपरीत अभी इन ट्रेनों में पूरी सीटें नहीं भर पा रही हैं और रेलवे को उन्हें खाली ही चलाना पड़ रहा है। जबकि, जब इन ट्रेनों की शुरुआत हुई थी तो टिकटों का मिलना बहुत ही मुश्किल हो गया था। लेकिन, 1 जून से जबसे 100 जोड़ी स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है, पहले हफ्ते में सीटों के भरने का ट्रेंड पूरी तरह से बदल चुका है। बता दें कि जून के पहले हफ्ते में स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों से कुल 1 लाख से भी ज्यादा यात्रियों ने सफर किया है, जबकि स्पेशल मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों से सफर करने वालों की संख्या 12 लाख से भी ज्यादा है। जबकि, ये ट्रेनें अपनी पूरी बर्थ क्षमता से कम पर ही चली हैं और करीब एक-तिहाई सीटें खाली ही रह गई हैं।
एक-तिहाई सीटें रह जा रही हैं खाली
जून के पहले हफ्ते यानि 1 जून से 7 जून के बीच स्पेशल राजधानी और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में सीटें खाली रह जा रही हैं। अगर इस दौरान के बुकिंग ट्रेंड पर गौर करने के बाद पता चला है कि स्पेशल राजधानी में सिर्फ 62% सीटें भर रही हैं। जबकि, स्पेशल मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में उससे कुछ ज्यादा 67 % यात्रियों ने सफर किया है। यानि, इन दोनों तरह की स्पेशल ट्रेनों में क्रमश: 38% और 33% सीटें खाली रह गई हैं। इन सात दिनों में स्पेशल राजधानियों में कुल 1,07,647 यात्रियों ने रिजर्वेशन कराया है, जबकि स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 12 लाख टिकटों की बुकिंग हुई है।
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रिटर्न टिकट की नहीं करवाई जा रही है बुकिंग
टिकट बुकिंग के इस गिरते हुए ट्रेंड के विश्लेषण से पता चला है कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि देश में अनलॉक-2.0 शुरू होने के बावजूद यात्री टिकटों की सिर्फ एक तरफ से ही बुकिंग करवा रहे हैं। यानि, वापसी की टिकटें नहीं कटवाई जा रही है। इसकी वजह ये बताई जा रही है कि कुछ राज्यों में अभी भी कोरोना वायरस को लेकर जारी पाबंदियों और सख्त नियमों के चलते लोग यात्रा को टाल रहे हैं या फिर बिजनेस ट्रिप पर जाने का जोखिम नहीं लेना चाहते। इस समय जो लोग भी टिकट बुक करा रहे हैं, वो वही हैं जो अपने होमटाउन की ओर वापस जाना चाह रहे हैं या फिर उनका कहीं जाकर जल्दी वापसी का इरादा नहीं है।
कम दूरी की ट्रेनों में भी दिख रहा है ऐसा ही ट्रेंड
अभी लोगों ने किसी दूसरे शहर जाकर और फिर वहां अपना काम निपटाकर लौटने के लिए सफर करना शुरू नहीं किया है। यही नहीं कुछ राज्यों में सख्त क्वारंटीन नियमों के चलते भी वो फिलहाल यात्रा करने से बचना चाह रहे हैं। इसके अलावा कुछ राज्यों में अभी भी होटल नहीं खुले हैं, जिसके चलते लोग बिजनेस ट्रिप पर निकलकर वापस लौटने की नहीं सोच पा रहे हैं। ऐसा नहीं कि सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनों में ही सीटें पूरी भरकर नहीं चल रही हैं। बल्कि, कम दूरी की ट्रेनों में भी ऑक्युपेंसी रेट बहुत ही कम दर्ज की जा रही है। इसका मतलब ये है कि लोग अभी भी सफर करने से डर रहे हैं, जबकि लॉकडाउन के नियमों में अब तो बहुत ही ज्यादा छूट दी जा चुकी है।
सबसे ज्यादा दिल्ली से चली हैं स्पेशल ट्रेन
बता दें कि अभी तक 38 स्पेशल ट्रेनें दिल्ली के स्टेशनों से चली हैं, जो सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है। इसके बाद महाराष्ट्र के अलग-अलग स्टेशनों से 28 ट्रेनें चली हैं। इस तरह बिहार से 24, यूपी से 19,करीब 10 गुजरात से, कर्नाटक और राजस्थान से 9-9, पंजाब से 8 और तेलंगाना से 7 ट्रेनें चलाई गई हैं। बता दें कि 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल ट्रेनें पिछले महीने की 12 तारीख से ही नई दिल्ली और देश के 15 बड़े शहरों के बीच चल रही हैं। जबकि, 100 जोड़ी स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें 1 जून से चल रही हैं, जो देश के कई स्टेशनों के बीच चलाई जा रही हैं। इस दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चल रही हैं, जिनकी संख्या अब बहुत ही कम हो चुकी है और उसके जरिए करीब 50 लाख से भी ज्यादा यात्रियों को उनके गृहराज्यों तक पहुंचाया जा चुका है।