कांवड़ियों पर बरसते 'फूल' और 'नमाज़' पर योगी सरकार के रवैये की चर्चा क्यों है? #Social
कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. वजह क्या है?
उत्तर भारत के कई राज्यों में इन दिनों भगवान शिव में आस्था रखने वाले भक्त कांवड़ यात्रा कर रहे हैं.
श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर देखी जा सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं का स्वागत अलग-अलग तरह से किया जा रहा है.
कहीं कांवड़ यात्रा कर रहे भक्तों पर हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश की जा रही हैं तो कहीं प्रशासन के आला अधिकारी कांवड़ियों की सेवा करते नज़र आ रहे हैं.
कोरोना महामारी के चलते दो साल से कांवड़ यात्रा बंद थी. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पिछली बार से ज़्यादा रहेगी. लेकिन इस यात्रा को लेकर एक तरफ़ सरकारें सक्रिय नज़र आ रही हैं. वहीं कुछ आलोचकों ने अपनी राय ज़ाहिर की है. ये ख़बर इसी बारे में है.
आगे पढ़िए, सरकार की ओर से कांवड़ियों को लेकर क्या इंतज़ाम किए गए हैं. साथ ही कुछ लोग सरकार के कांवड़ियों के प्रति रवैये को लेकर क्यों सवाल उठा रहे हैं?
कांवड़ यात्रा- क्या हैं इंतज़ाम?
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस यात्रा के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. वहीं, गाज़ियाबाद और मेरठ में कावड़ियों पर पुष्प वर्षा भी की गई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर की गई व्यवस्थाों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि शिवभक्त और आमजन को कोई असुविधा ना हो, इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर पर बताया है, ''मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के निर्देशानुसार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण कांवड़ मार्ग की सीसीटीवी निगरानी की जा रही है. जलमार्ग पर भी लगातार पेट्रोलिंग हो रही है. पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ ही मार्ग पर पानी एवं फूल भी बांटे जा रहे हैं.''
मेरठ और गाज़ियाबाद पुलिस ने कांवड़ियों पर पुष्प बरसाने और उनके साथ तिरंगा कांवड़ यात्रा में शामिल होने की तस्वीरें पोस्ट की हैं. मेरठ में कई वरिष्ठ अधिकारी तिरंगे के साथ शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा करते नज़र आए.
https://twitter.com/DmMeerut/status/1551244616380424194
गाज़ियाबाद पुलिस की ओर से एक ट्वीट में बताया गया कि उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर तिरंगा कांवड़ यात्रा में हिस्सा लिया और कांवड़ियों का सम्मान व उत्साहवर्धन किया.
https://twitter.com/ghaziabadpolice/status/1551577191456321536
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कांवड़ यात्रा पर सवाल क्या हैं?
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कांवड़ियों की सेवा में जुटे प्रशासन की आलोचना की है.
इन लोगों ने सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक आयोजन किए जाने को लेकर योगी सरकार के हालिया बयानों और रवैये की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की है.
कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कांवड़ यात्रा और लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने के बाद हुए विवाद को एक साथ रखकर सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार सुहासिनी हैदर ने कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा का वीडियो रिट्वीट करते हुए लिखा, ''आपके टैक्स के पैसे का इस्तेमाल हो रहा है.''
https://twitter.com/suhasinih/status/1551736046878359552
वहीं, प्रोफेसर अशोक ने एक ट्वीट में कहा, '' उत्तर प्रदेश में पुलिस हेलिकॉप्टर से व्यस्त सड़क से जा रहे कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर रही है . वहीं अगर मुस्लिम सड़क किनारे नमाज़ अदा करें तो यही पुलिस उन्हें जेल में डाल देती है.''
https://twitter.com/ashoswai/status/1551745133598482432
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यूपी में लुलु मॉल और लाउडस्पीकर विवाद
हाल ही में लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज़ अदा करने को लेकर विवाद हुआ था.
इससे पहले यूपी में ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर भी विवाद रहा है. पिछले साल, योगी आदित्यनाथ सरकार ने सार्वजनिक इलाक़ों में धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. ये फ़ैसला सड़क पर नमाज़ पढ़े जाने को लेकर हुए विवाद के बाद लिया गया था.
ऐसे में कांवड़ यात्रा के बीच यूपी सीएम के उस बयान का भी ज़िक्र हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा था, ''धार्मिक आयोजन धार्मिक स्थलों के परिसर के अंदर ही सीमित होने चाहिए. किसी भी पर्व-त्योहार का आयोजन सड़क पर नहीं होना चाहिए. ''
https://twitter.com/BDUTT/status/1551506316761317376
पत्रकार बरखा दत्त ने एक ट्वीट में कहा, '' सार्वजनिक स्थलों पर नमाज़ को लेकर आपत्ति जताना लेकिन कावंड़ियों पर अधिकारियों का फूल बरसाना कहां से सही है? मैं सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजन की प्रशंसक नही हूं लेकिन यह तो साफ-साफ पक्षपात है.''
पीटीआई ने एक आधिकारिक प्रवक्ता के हवाले से यह ख़बर दी थी कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यात्रा के दौरान सुचारू रूप से यातायात संचालन के निर्देश दिए थे.
हालांकि सोशल मीडिया पर ऐसे भी टिप्पणी पढ़ी जा सकती हैं, जिसमें लोग कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक के सही से चलने या डीजे की तेज़ आवाज़ को लेकर अपनी राय रख रहे हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=ALvy8jCQ90s
कांवड़ यात्रा क्या है और इसका महत्व क्या है?
सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त गंगा तट पर जाते हैं. वहां स्नान करने के बाद कलश में गंगा जल भरते हैं. फिर कांवड़ पर उसे बांध कर और अपने कंधे पर लटका कर अपने-अपने इलाके के शिवालय में लाते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं.
कांवड़ बांस या लकड़ी से बना डंडा होता है जिसे रंग बिरंगे पताकों, झंडे, धागे, चमकीले फूलों से सजाया जाता है और उसके दोनों सिरों पर गंगाजल से भरा कलश लटकाया जाता है.
कांवड़ यात्रा के दौरान सात्विक भोजन किया जाता है. इस दौरान आराम करने के लिए कांवड़ को किसी ऊंचे स्थान या पेड़ पर लटका कर रखा जाता है.
साथ ही यह पूरी कांवड़ यात्रा नंगे पांव करना होता है.
कांवड़ यात्रा का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक चतुर्मास में पड़ने वाले श्रावण के महीने में कांवड़ यात्रा का बड़ा महत्व है.
माना जाता है कि शिव को आसानी से ख़ुश किया जा सकता है. उन्हें केवल एक लोटा जल चढ़ा कर प्रसन्न किया जा सकता है. वहीं यह भी मान्यता है कि शिव बहुत जल्दी क्रोधित भी होते हैं.
लिहाज़ा ऐसी मान्यता भी है कि इस कांवड़ यात्रा के दौरान मांस, मदिरा, तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए और न ही कांवड़ का अपमान (ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए) किया जाना चाहिए.
कहा जाता है कि यह समता और भाईचारे की यात्रा भी है. सावन जप, तप और व्रत का महीना है.
शिवलिंग के जलाभिषेक के दौरान भक्त पंचाक्षर, महामृत्युंजय आदि मंत्रों का जप भी करते हैं.
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