तो क्या अगले साल भी जारी रहेगी वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था?, जानें क्या है केंद्र सरकार की पूरी प्लानिंग
वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था के सकारात्मक पहलुओं को देखते हुए अब केंद्र सरकार भी काम की संरचना में बदलाव करने जा रही है। सरकार का पूरा जोर देश में वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा देने पर है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर। कोरोना काल में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का मौका दिया। वर्क फ्रॉम होम कल्चर कर्मचारियों को खूब पंसद आया क्योंकि इस व्यवस्था में उन्हें अपने परिवार के बीच रहते हुए काम करने का मौका मिला। यह व्यवस्था एक तरफ जहां कर्मचारियों के लिए फायदेमंद रही, वहीं कंपनियों के लिए भी इस व्यवस्था लाखों-करोड़ों रुपए का फायदा कराया। क्योंकि ऐसी बहुत सी सहूलियतें हैं ऑफिस आने वाले कर्मयारियों को एक कंपनी द्वारा मुहैया कराई जाती हैं। वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने कंपनियों को इन खर्चों से बचा दिया।
वर्क
फ्रॉम
होम
व्यवस्था
पर
गंभीरता
से
विचार
कर
रही
सरकार
वर्क
फ्रॉम
होम
व्यवस्था
के
सकारात्मक
पहलुओं
को
देखते
हुए
अब
केंद्र
सरकार
भी
काम
की
संरचना
में
बदलाव
करने
जा
रही
है।
सरकार
का
पूरा
जोर
देश
में
वर्क
फ्रॉम
होम
कल्चर
को
बढ़ावा
देने
पर
है।
कम
से
कम
ऐसी
कंपनियों
में
जहां
बिना
दफ्तर
आए
घर
से
ही
बाधारहित
काम
किया
जा
सकता
है।
साल
2020
से
जब
से
दुनिया
में
कोरोना
ने
दस्तक
दी
है,
तब
से
भारत
में
ही
नहीं
बल्कि
पूरी
दुनिया
में
वर्क
फ्रॉम
होम
की
व्यवस्था
बढ़ी
है।
इससे
न
केवल
लोगों
को
संक्रमण
से
दूर
रखने
में
मदद
मिली,
बल्कि
कंपनियों
और
कर्मचारियों
का
काफी
खर्चा
भी
बचा
है।
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नई
व्यवस्था
में
वर्क
फ्रॉम
होम
मॉडल
के
साथ
हाइब्रिड
वर्क
मॉडल
भी
शामिल
सरकार
का
मानना
है
कि
कोरोना
वायरस
का
प्रकोप
अभी
हाल
फिलहाल
में
कम
होने
वाला
नहीं
है
और
इसलिए
सरकार
वर्क
फ्रॉम
होम
कल्चर
को
लेकर
काफी
गंभीर
दिख
रही
है।
इकोनॉमिक्स
टाइम्स
की
एक
रिपोर्ट
के
अनुसार
केंद्र
सरकार
का
विचार
काम
के
नए
मॉडल
के
लिए
एक
कानूनी
ढांचा
तैयार
करना
है,
जो
महामारी
की
स्थिति
से
उत्पन्न
हुआ
है।
इसमें
वर्क
फ्रॉम
होम
मॉडल
के
साथ
हाइब्रिड
वर्क
मॉडल
भी
शामिल
है,
जहां
कर्मचारियों
को
सप्ताह
में
कुछ
दिनों
के
लिए
ऑफिस
जाना
होता
है।
कंपनियां
अपने
कर्मचारियों
को
कोरोना
वायरस
से
बचाने
के
लिए
इन
मॉडलों
का
पालन
कर
रही
हैं।
सरकार
की
नई
काम
की
व्यवस्था
में
क्या
मिलेंगी
सुविधाएं
सरकार
कर्मचारी
और
नियोक्ता
दोनों
के
अधिकारों
और
उनकी
सहूलियतों
को
ध्यान
में
रखते
हुए
काम
की
नई
व्यवस्था
बना
रही
है।
सरकार
कर्मचारी
के
काम
के
घंटे
फिक्स
करने,
और
घर
बैठकर
काम
करने
में
आने
वाले
अन्य
खर्चे
जैसे
इंटरनेट
और
बिजली
का
खर्च
भी
कर्मचारी
को
दिलाने
की
व्यवस्था
बना
रही
है।
इन
मामलों
की
जानकारी
रखने
वाले
वरिष्ठ
अधिकारियों
ने
बताया
कि
सरकार
ने
इस
विषय
पर
बातचीत
करनी
शुरू
कर
दी
है।
सरकार
ऐसे
मॉडल
पर
बात
कर
रही
है
जो
लंबे
समय
तक
टिक
सके।
कंसल्टेंसी
फर्म
हायर
कर
दिया
जाएगा
नई
व्यवस्था
को
अंजाम
नाम
न
छापने
की
शर्त
पर
अधिकारी
ने
कहा
कि
सरकार
इसके
लिए
बाकायदा
एक
कंसल्टेंसी
फर्म
हायर
करेगी
जो
काम
करने
की
नई
व्यवस्था
की
रूपरेखा
तैयार
करेगी
और
बताएगी
कि
नई
व्यवस्था
से
नियोक्ता
और
कर्मचारी
को
क्या
क्या
फायदा
होगा।
बता
दें
कि
कुछ
देशों
ने
अपने
कर्मचारियों
को
सुरक्षा
प्रदान
करने
के
लिए
इस
तरह
के
नियम
लागू
भी
कर
दिए
हैं।
पुर्तगाल
ने
भी
हाल
ही
में
अपने
यहां
इस
तरह
का
कानून
पारित
किया
है।
भारत
सरकार
ने
भी
जनवरी
में
सेवा
क्षेत्र
के
लिए
पहले
से
लागू
वर्क
फ्रॉम
होम
ढांचे
को
औपचारिक
रूप
से
लागू
किया
था।
संक्रमण
से
बचना
है
तो
घर
से
ही
करना
होगा
अधिक
से
अधिक
काम
बीच
में
कोरोना
और
डेल्टा
वेरिएंट
का
असर
जैसे
जैसे
कम
होता
दिखा
कंपनियों
ने
अपने
कर्मचारियों
को
वापस
बुलाने
की
कवायद
शुरू
कर
दी।
जैसे
ही
यह
कवायद
शुरू
हुई
ओमिक्रॉन
वेरिएंट
ने
दस्तक
दे
दी।
अब
यदि
हम
ये
कहें
कि
खाली
काम
के
घंटे
या
दिन
कम
करके
लोगों
को
संक्रमण
से
बचाया
जा
सकता
है
तो
ये
बेमानी
होगी।
हमें
ऐसी
व्यवस्था
करनी
होगी
जिसमें
कम
से
कम
दफ्तर
जाए
बिना
घर
से
ही
कंपनी
का
सारा
काम
हो
सके।