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जम्मू कश्मीर में स्नाइपर अटैक: पाकिस्तान की ISI और जैश के जेहादियों ने घाटी में शुरू किया नया आतंक

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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों के खिलाफ लड़ने के लिए सीमा पार से आ रहे आतंकियों ने नए तरीकों से हमले कर सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी लगातार स्नापर अटैक कर सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। सितंबर से लेकर अब तक सुरक्षाबल के तीन जवान शहीद हुए हैं। पाकिस्तान आधारित इन हमलों से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ रही है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इस सप्ताह हुए दो लगातार स्नाइपर अटैक में सेना के दो सेना के जवान और एक पारामिलिट्री के जवान शहीद हुए हैं।

पाकिस्तान की ISI ने जेहाहियों को दी स्नाइपर ट्रेनिंग

पाकिस्तान की ISI ने जेहाहियों को दी स्नाइपर ट्रेनिंग

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सीमा पार से जैश को दो अलग-अलग आतंकी संगठन ने कश्मीर में इसी साल सितंबर में घाटी में घुसपैठ की थी। ये स्नाइपर अटैकर साउथ कश्मीर के पुलवामा जिले में छुपे हुए उनके लोगों के साथ मिलकर इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। खुफिया सूत्रों की मानें तो इन आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग मिली है। कश्मीर घाटी में जो आतंकी स्नाइपर अटैक कर रहे हैं, उनके हाथों में M-4 कार्बाइन है, जिनका अमेरिकी फौज अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए कर रही है।

क्या है एम-4 कार्बाइन

क्या है एम-4 कार्बाइन

एम-16 का अपग्रेडेड वर्जन एम-4 कार्बाइन एके-47 रायफल से कई गुना ज्यादा खतरनाक है। कार्बाइन रायफल का सबसे ज्यादा अनुभव अमेरिकी सेना को है। अमेरिकी सेना ने एम-16 कार्बाइन का वियतनाम युद्ध से लेकर अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया है। एम-4 बहुत ज्यादा खतरनाक है, जो ना सिर्फ अंधेर में छुपकर अटैक करने में सक्षम है, बल्कि इससे ग्रेनेड भी दागा जा सकता है। इससे 500 से 600 मीटर की दूरी से दुश्मन के ठिकानों को उड़ाया जा सकता है।

स्नाइपर हमलावरों को जल्द लगाया जाएगा ठिकाने

स्नाइपर हमलावरों को जल्द लगाया जाएगा ठिकाने

सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो आने वाले वक्त में जैश के आतंकी घाटी में इस प्रकार की और घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने साथ में यह भी कहा कि इन आतंकियों के ठिकानों की पहचान कर ली गई है, जिन पर जल्द ही कार्रवाई होगी। घाटी में जहां एक तरफ सेना आतंकियों का सफाया करने में लगी हुई है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की आईएसआई जैश को जेहादियों को लड़ने के लिए भेज रही है। इसी साल एक बार फिर यूएन में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद को ग्लोबल टेरर लिस्ट में शामिल करने के लिए कहा था, लेकिन हमेशा चीन एक बार फिर अडंगा बन बैठा।

ये भी पढ़ें: आर्मी चीफ की चेतावनी, पाकिस्तान हरकतों से बाज आए नहीं तो दूसरे विकल्प भी खुले हैं

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English summary
Sniper attack in Jammu Kashmir: How Pakistan's ISI and jaish's terrorists start in new war in valley
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