बंटवारे के समय बिछड़ गए थे भाई-बहन, 71 साल बाद एक-दूसरे के गले मिल फूट-फूटकर रोए
बंटवारे के दौरान बिछड़े भाई-बहन 71 साल बाद एक-दूसरे की शकल देख पाए। पाकिस्तान के गुरुद्वारे जनम अस्थान, ननकाना साहिब में रविवार को नजारा तब भावुक हो गया जब दशकों के बिछड़े भाई-बहन एक-दूसरे के गले मिले।
लाहौर। बंटवारे के दौरान बिछड़े भाई-बहन 71 साल बाद एक-दूसरे की शकल देख पाए। पाकिस्तान के गुरुद्वारे जनम अस्थान, ननकाना साहिब में रविवार को नजारा तब भावुक हो गया जब दशकों के बिछड़े भाई-बहन एक-दूसरे के गले मिले और सालों का दर्द बांटा। बंटवारे के समय बेंत सिंह अपने परिवार से बिछड़ गए थे और फिर हमेशा-हमेशा के लिए भारत में ही रह गए। अब पूरे 71 साल बाद वो अपनी बहनों की शकल देख पाए और उनके गले लग फूट-फूटकर रोए।
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक के पास पराचा गांव के रहने वाले बेंत सिंह का परिवार बंटवारे के दौरान पाकिस्तान जा रहा था, जब हिंसा के कारण वो अपने परिवार से बिछड़ गए। इसके बाद उनकी मां अल्लाह रख्खी ने किसी तरह अपने पुराने पड़ोसियों से संपर्क किया और अपने बेटे बेंत के बारे में पता लगाया। तभी से बेंत अपनी बहनों- उल्फत बीबी और मिराज बीबी से खत और फोन के जरिये संपर्क में हैं।
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सालों तक बहनों से सिर्फ चिट्ठी और फोन के जरिये बातचीत करने के बाद वो आखिरकार उन्हें रविवार को देख पाए। बेंत सिंह सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान गए थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बातचीत में उल्फत बीबी ने कहा कि उन्हें अपने भाभी और भतीजे-भीतीजी से मिलने के लिए भारत जाने की अनुमति दी जाए। उल्फत और मिराज ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से भी अपने भाई का वीजा बढ़ाने की गुजारिश की।
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