पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर मोदी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरी शिवसेना
धर्मेंद्र प्रधान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए,ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों का फायदा मिल पाए
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध पूरे देश में हो रहा है। शिवसेना मे मुंबई में सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान शिवसेना के दो सांसद-अरविंद सावंत, अनिल देसाई सहित कई पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इससे पहले भी बुधवार को बढ़ती महंगाई और पेट्रोल, डीजल की ऊंची कीमतों को लेकर एनडीए में शामिल शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए लिखा था, 'जो लोग सरकार में हैं वह महंगाई पर बात नहीं करना चाहते और न ही दूसरों को बात करने देना चाहते हैं। ईंधन के दाम आसमान पर पहुंचने का दर्द आम आदमी झेल रहा है। सरकार में बैठे लोग अगर पिछले चार महीनों के दौरान इसके दाम में 20 बार की बढ़ोतरी का समर्थन करते हैं तो यह सही नहीं है।'
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उधर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए,ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों का फायदा मिल पाए। धर्मेंद प्रधान ने कहा कि जीएसटी काउंसिल से इस बारे में अपील की है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाएं.
प्रधान ने कहा कि पेट्रोल के दाम अब एक दो पैसे कम होना शुरू हुए हैं। अमेरिका में दो बार तूफान आने की वजह से पेट्रोल के दाम पर असर दिखा है। कीमतें स्थिर हुई हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट का अपना रेवेन्यू कलेक्शन होता है, इसलिए बैलेंस मॉडल होना चाहिए। जीएसटी काउंसिल एक बैलेंस मॉडल बना रही है।