दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेगी अकाली दल, बीजेपी की शर्त मानने से किया इंकार
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल में गठबंधन को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। जिसके बाद अकाली दल ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। सोमवार को अकाली दल के सांसद मनजिंदर सिरसा बोले- CAA में सभी धर्मों को शामिल करने के हमारे रुख को बदलने को कह रही थी बीजेपी। हमें नही था मंजूर, इसलिए इन चुनावों में पार्टी नहीं उतरेगी।
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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अकाली दल के स्टैंड की वजह गठबंधन नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि, अकाली दल और बीजेपी का पुराना रिश्ता है, लेकिन सीएए में सुखबीर बादल की सभी धर्मों से लोगों को शामिल करने की मांग की थी। जिस पर बीजेपी नेतृत्व चाहता था कि हम इस स्टैंड पर पुनर्विचार करें। इसलिए, हमने अपना रुख बदलने के बजाय इन चुनावों को नहीं लड़ने का फैसला किया है।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि, शिरोमणि अकाली दल का भी मानना है कि एनआरसी को लागू नहीं किया जाना चाहिए। हमने सीएए का स्वागत किया लेकिन हमने कभी यह मांग नहीं की कि किसी एक धर्म को इस अधिनियम से बाहर रखा जाए। हम एनआरसी के भी खिलाफ हैं। हम चाहते हैं कि ऐसा कोई कानून नहीं होना चाहिए जो लोगों को कतारों में खड़ा करे और उनकी साख को साबित करे। यह एक महान राष्ट्र है और सांप्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।
बीजेपी और जेडीयू गठबंधन करके दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. दिल्ली जेडीयू अध्यक्ष दयानंद राय ने सोमवार को बताया कि दिल्ली में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगी। बीजेपी ने जेडीयू को दो सीटें दी हैं। बुराड़ी और संगम विहार विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे। सूत्रों के मुताबिक, एनडीए गठबंधन के तहत दिल्ली में एलजेपी को एक सीट दे सकती है। सीमापुरी सीट से एलजेपी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर सकता है। उधर एलजेपी पहले ही 15 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है।
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