रिलीज हुआ फिल्म 'शेरशाह' का Teaser, रोंगटे खड़े कर देगी कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी
नई दिल्ली, जुलाई 15; करगिल हीरो विक्रम बत्रा के ऊपर बन रही फिल्म 'शेरशाह' का आज टीजर लॉन्च कर दिया गया। इसके साथ ही फिल्म की रिलीज डेट का भी एलान कर दिया गया है। यह बहुप्रतीक्षित वार ड्रामा कारगिल युद्ध के हीरो, कैप्टन विक्रम बत्रा(पीवीसी) के जीवन से प्रेरित है, जिनका किरदार सिद्धार्थ मल्होत्रा निभा रहे हैं। कारगिल युद्ध के समय शेरशाह विक्रम बत्रा का कोडनेम था जिस पर फिल्म का नाम रखा गया है।
12 अगस्त को अमेजन प्राइम पर रिलीज होगी फिल्म
विष्णु वर्धन द्वारा निर्देशित और धर्मा प्रोडक्शंस और काश एंटरटेनमेंट द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित, शेरशाह साल की सबसे बड़ी बॉलीवुड वार ड्रामा फिल्म है। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी लीड रोल में हैं जबकि शिव पंडित, राज अर्जुन, प्रणय पचौरी, हिमांशु अशोक मल्होत्रा, निकितिन धीर, अंकिता गोराया प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म को 15 से 2 दिन पहले यानि 12 अगस्त को अमेजन प्राइम पर रिलीज किया जा रहा है।
कैप्टन विक्रम बत्रा के पराक्रम, प्रेम और बलिदान की कहानी
शेरशाह, कैप्टन विक्रम बत्रा (पीवीसी) के जीवन से प्रेरित पराक्रम, प्रेम और बलिदान की कहानी है। फिल्म उनके शौर्य को सेलिब्रेट करती है, और 1999 के कारगिल युद्ध में उनके अमूल्य बलिदान का सम्मान करती है। पहले ये फिल्म कैप्टन विक्रम बत्रा की पुण्यतिथि 7 जुलाई, 2020 को रिलीज होने वाली थी। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इश फिल्म की डेट का लगातार आगे बढ़ाना पड़ा था।
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हिमाचल में जन्मे थे कैप्टन बत्रा
हिमाचल प्रदेश का बहादुर अफसर 9 सितंबर 1974 को कांगड़ा जिले के पालमपुर में घुग्गर गांव में जन्मा था। विक्रम बत्रा को उनकी बहादुरी के कारण दुश्मन भी उन्हें शेरशाह के नाम से जानते थे। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हो गए थे। विक्रम बत्रा की शहादत के बाद प्वाइंट 4875 चोटी को बत्रा टॉप के नाम से जाना जाने लगा। कारगिल युद्ध के 22 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस युद्ध के हीरो के अदम्य साहस और वीरता की कहानियां आज भी युवाओं की रगों में जोश भर देती हैं।
ऐसे पड़ा शेरशाह नाम
कैप्टन विक्रम बत्रा ने 1996 में आईएमए में दाखिला लिया था। 6 दिसंबर 1997 को कैप्टन बत्रा जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए। कारगिल युद्ध में उन्होंने जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन के नेतृत्व जिम्मा मिला। 20 जून 1999 को कैप्टन बत्रा ने कारगिल की प्वाइंट 5140 चोटी से दुश्मनों को खदेड़ने के लिए अभियान छेड़ा और इस मिशन में कामयाब भी हुए। इसके बाद उन्होंने जीत का कोड बोला- ये दिल मांगे मोर। अदम्य वीरता और पराक्रम के लिए कमाडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल वाय.के. जोशी ने विक्रम को शेरशाह उपनाम से नवाजा था। 4875 प्वांइट पर कब्जे के दौरान वे दुश्मन की गोलियों के शिकार हो गए।
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