स्कूल और कॉलेज फिर खुलेंगे, तो कैसे सुनिश्चित होगा सोशल डिस्टेंसिंग? गुत्थी सुलझाने में जुटा HRD मंत्रालय
नई दिल्ली। प्रायः स्कूलों और कॉलेजों के दोबारा खुलने पर छात्रों को नई सीटिंग व्यवस्था, क्लास रूम, लाइब्रेरी नियम, पुनर्निर्मित हॉस्टल, कैंटीन जैसे कई झमेलों का सामना करना होता है, लेकिन इस बार जब कोरोनावायरस महामारी से प्रेरित लॉकडाउन के बाद जब स्कूल और कॉलेज दोबारा खुलेंगे तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की सुरक्षा की चिंता है और स्कूल-कॉलेज में सोशल डिस्टेंसिंग मानदंड के अनुपालन गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है।
गौरतलब है गत 16 मार्च को कोरोना वायरस महामारी के चलते देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने गत 24 मार्च की रता को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसे अब आगामी 3 मई तक बढ़ाया गया है, जो कि आगामी रविवार को खत्म हो रहा है।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार जब भी स्कूल और कॉलेज दोबारा खुलेंगे, तब उचित सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों का पालन करना होगा, क्योंकि छात्रों की स्वास्थ्य और सुरक्षा के नियमों को प्राथमिकता देना होगा।हालांकि स्कूलों के लिए HRD मंत्रालय की स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग और विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं।
वैसे, यूजीसी ने पहले ही सिफारिश कर दी है कि फ्रेशर्स के लिए शैक्षणिक सत्र सितंबर में शुरू हो सकता है और अगस्त में नामांकित छात्रों के लिए स्कूल विभिन्न आभासी माध्यमों से शिक्षण गतिविधियाँ भी कर रहे हैं।
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मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिशानिर्देशों में छात्र और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक चेकलिस्ट और अनुशंसित उपाय शामिल होंगे। हालांकि किसी विशेष क्षेत्र में COVID-19 की स्थिति को ध्यान में रखना होगा ताकि संस्थान दिशा-निर्देशों का अनुपालन अपनी सुविधानुसार कर पाएं। क्योंकि HRD मंत्री ने कई बार दोहराया है कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों के लिए दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं और राज्यों के साथ भी साझा किए जाएंगे ताकि वे स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोलने से पहले गाइडलान के मुताबिक तैयार कर सकें। जिलों को दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन और सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल व कॉलेज परिसरों में कुछ निश्चित स्थान तैयार करना होगा।
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उल्लेखनीय है मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने पिछले सप्ताह राज्य के शिक्षा मंत्रियों के साथ एक बैठक में सुरक्षा दिशानिर्देशों के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया था और दोबारा खुलने वाले स्कूलों और कॉलेजों के लिए जारी होने वाली दिशा-निर्देशों में अग्र उल्लेखित मानदंड हो सकते हैं।
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स्कूलों और कॉलेजों में मास्क स्कूल यूनिफॉर्म का अनिवार्य हिस्सा होगाा
इनमें खेल के मैदानों में सुबह की असेंबली और खेल गतिविधियों को निलंबित करना, स्कूल बसों के लिए मानदंड, वॉशरूम और कैफेटेरिया में 'क्या करें और क्या नहीं करें' और पूरी इमारतों का नियमित रूप से कीटाणुशोधन और मास्क स्कूल यूनिफॉर्म का अनिवार्य हिस्सा होगाा. जबकि आवासीय विद्यालयों के लिए दिशा-निर्देश में खाने की कैंटीन और हॉस्टल में सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों का विस्तार दिया जाएगा।
आईआईटी भी छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के तरीकों पर काम कर रहे हैं
वहीं, कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भी छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन करने के तरीकों पर विचार करने के लिए काम कर रहे हैं, जिसमें आगंतुकों के प्रवेश पर रोक, शिफ्ट में कक्षाएं और स्टेगर्ड प्रयोगशाला अवधि शामिल हैं।
सेमेस्टर परीक्षा जुलाई में ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जा सकती है
यूजीसी की सिफारिशों के अनुसार सेमेस्टर परीक्षा जुलाई में ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित की जा सकती है। अधिकारी ने कहा, अब तक ऑनलाइन होने वाली परीक्षाओं में सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना होगा और उक्त सुरक्षा दिशा-निर्देश प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन पर भी लागू होगा।
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं के 29 विषयों की लंबित क्लास आयोजित करेगा
जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दोहराया है कि वह कक्षा 10 और 12 बोर्ड परीक्षा के 29 विषयों की लंबित क्लास आयोजित करेगा, लेकिन अभी तक शेड्यूल की घोषणा नहीं की है।
भारत में महामारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 फीसदी हो गई है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नोवल कोरोनोवायरस महामारी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 72 फीसदी हो गई और शुक्रवार को देश में यह संख्या बढ़कर 35,043 हो गई। देश में अभी Covid-19 के सक्रिय मामले 25,007 हैं, जबकि 8,888 लोग ठीक हो चुके हैं और एक मरीज पलायन कर चुका है। आंकड़ों के अनुसार भारत में दर्ज कुल 35,043 मामलों में 111 विदेशी नागरिक शामिल हैं।