गुजरात दंगे: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जकिया जाफरी की याचिका, नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट बरकरार
नई दिल्ली, 24 जून। पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट को जायज ठहराते हुए कहा कि इसके खिलाफ जो याचिका दायर की गई उसमे कोई योग्यता नहीं है। दरअसल एसआईटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य को 2002 के गुजरात दंगों में क्लीन चिट दे दी थी, इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाकिया जाफरी ने याचिका दायर की थी, जिसपर आज कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले साल 9 दिसंबर को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Recommended Video
बता दें कि एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की गुजरात के अहमदाबाद स्थित गुलमर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी 2002 में गुजरात दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एसआईटी ने 64 लोगों को क्लीन चिट दे दी थी, जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल है। एसआईटी की इस क्लीन चिट को जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दरअसल नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जब प्रदेश में दंगे हुए थे।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल जाकिया जाफरी के वकील हैं, उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस डिनेश माहेशवरी, सीटी रविकुमार भी शामिल हैं, इन लोगों ने नरेंद्र मोदी के संलिप्तता को लेकर किसी भी तरह की कोई बहस नहीं की। वहीं जाकिया जाफरी की याचिका का एसआईटी ने विरोध किया था। एसआईटी का कहना है कि यह याचिका सामाजिक कार्यकरता तीस्ता सीतलवाड़ के इशारे पर दर्ज की गई है, जिन्होंने इस मुद्दे को जिंदा रखने के लिए यह किया है।