सारदा चिट फंड घोटाला: अवमानना मामले में सुनवाई से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के जज
नई दिल्ली। सारदा चिट फंड घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस एल नागेश्वर राव ने बुधवार को इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। बंगाल के तीन अधिकारियों के खिलाफ करोड़ों रुपये के सारदा चिट फंड घोटाले की जांच में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने अवमानना याचिका दायर की थी। जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा है कि वह इस मामले में बंगाल की ओर से वकील के रूप में पेश हुए थे, लिहाजा इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं।
जस्टिस एल नागेश्वर राव के सुनवाई से अलग होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को सुनवाई की तारीख तय की है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई के आरोपों पर अवमानना का नोटिस जारी किया था। सीबीआई का आरोप है कि सारदा चिटफंड मामले में इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
सीबीआई की याचिका पर तीनों अधिकारियों ने अपने हलफनामों में इन आरोपों का खंडन किया है और उन्होंने बिना शर्त माफी की मांग की है। इन अधिकारियों ने कहा है कि बंगाल सरकार और राज्य की पुलिस ने कभी भी सीबीआई का सहयोग करने से इनकार नहीं किया या कोई भी जांच बाधित नहीं की।
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बंगाल पुलिस ने कहा है कि सीबीआई ने कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास पर 3 फरवरी को बिना वैध कागजात के घुसने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी और राजीव कुमार की अदालत में व्यक्तिगत मौजूदगी का निर्देश दिया था और इस मामले में अभी कोई आदेश पारित नहीं करने का फैसला किया था। बता दें कि राजीव कुमार का तबादला कर दिया गया है।