चीन की उम्मीदों पर फिरा पानी, रूसी विदेश मंत्री का चीन के साथ सैन्य गठबंधन से इनकार
नई दिल्ली। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने उन तमाम अटकलों को खारिज कर दिया है जिसमें मॉस्को और बीजिंग के बीच सैन्य गठबंधन की संभावना जताई जा रही थी। नई दिल्ली पहुंचे सर्गेई लावरोव ने कहा रूस समावेशी सहयोग में रूच रखता है और सैन्य गठबंधन को अनुत्पादक समझता है।
सैन्य
गठबंधन
को
'ना'
पत्रकार
वार्ता
में
जब
लावरोव
से
मॉस्को
और
बीजिंग
के
बीच
संभावित
सैन्य
गठबंधन
के
बारे
में
पूछा
गया
तो
उन्होंने
जवाब
दिया
"नहीं,
रूस
और
चीन
के
शिखर
सम्मेलन
के
दौरान
जहां
हमने
द्विपक्षीय
रिश्तों
को
स्वीकार
किया
हमने
ये
कहा
कि
हमारे
रिश्ते
इतिहास
के
सबसे
ऊंचे
स्थान
पर
हैं
लेकिन
ये
रिश्ते
सैन्य
गठबंधन
स्थापित
करने
के
लक्ष्य
की
तरफ
नहीं
जाते।"
लावरोव ने आगे कहा कि उन्होंने मध्य पूर्व और एशिया में एक तरह के सैन्य गठबंधन के बारे में सुना है।
लावरोव ने कहा "वैसे, हमने न केवल रूस और चीन संबंधों को लेकर सैन्य गठबंधन के बारे में अटकलें सुनी हैं, बल्कि हमने ऐसे गठबंधन के बारे में भी सुना है जो कथित रूप से मध्य पूर्व-नाटो को बढ़ावा दे रहे हैं। हमने एशियाई-नाटो के बारे में भी सुना है।"
समावेशी
सहयोग
में
रुचि
सैन्य
गठबंधन
के
मुद्दे
पर
भारत
की
स्थिति
से
सहमत
होते
हुए,
रूसी
विदेश
मंत्री
ने
आगे
कहा
कि
"हमारे
भारतीय
दोस्तों
की
स्थिति
हमारे
जैसी
ही
है।
हमारा
मानना
है
कि
यह
(सैन्य
गठबंधन)
अनुत्पादक
है
और
हम
समावेशी
सहयोग
में
रुचि
रखते
हैं
जो
किसी
के
लिए
है
लेकिन
किसी
के
खिलाफ
नहीं
है।"
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष के साथ मंगलवार को चर्चा की जिसमें नई दिल्ली और मॉस्को के बीच आर्थिक सहयोग के साथ-साथ सुदूर पूर्व में नए अवसरों का उल्लेख किया है।
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