बढ़ी भाजपा के लोकसभा सांसदों की मुश्किल, RSS बनाएगा हर MP का रिपोर्ट कार्ड
नई दिल्ली। आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए आरएसएस और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तैयारियों में जुट गया है। हरियाणा के सूरजकुंड में 14-18 जून के बीच चल रहे कॉन्कलेव में आरएसएस के संगठन मंत्रियों को कहा गया है कि भाजपा सांसदों द्वारा कराए गए काम की समीक्षा करके उसकी रिपोर्ट पेश करें। इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी इसका फैसला लेगी कि इन सांसदो को फिर से 2019 के चुनाव में टिकट दिया जाना है या नहीं।
संगठन मंत्री को मिली जिम्मेदारी
संगठन मंत्रियों को इस बात जिम्मेदारी दी गई है कि वह हर भाजपा सांसद द्वारा उनके संसदीय क्षेत्र में कराए गए काम की समीक्षा करके उसकी रिपोर्ट को पेश करे। साथ ही इस बात की भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह इन तमाम भाजपा सांसदों की उनके क्षेत्रों में लोकप्रियता की भी रिपोर्ट दें। इसके अलावा इस बात की भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह पता लगाएं कि क्या ये सांसद एक बार फिर से पार्टी के काडर को एकजुट करने में सक्षम हैं और फिर से चुनाव जीत सकते हैं।
सर्वे रिपोर्ट पर मिलेगा टिकट
भाजपा के तीन नेताओं ने इस पूरी योजना की पुष्टि करते हुए कहा कि इस तरह के निर्देश भाजपा के शीर्ष नेताओं की ओर से संगठन मंत्रियों को दिया गया है। यह निर्देश कार्यक्रम के अंत में तमाम पार्टी के संगठन मंत्रियों को दिया गया है। भाजपा नेता ने बताया कि किन सांसदों को आगामी चुनाव में टिकट दिया जाएगा इसका फैसला इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर होगा। अगर सांसदों ने अपने क्षेत्र में बेहतर काम किया है तो सांसदों को आगामी चुनाव में किसी भी तरह के डर की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर क्षेत्र में काम नहीं किया गया है तो आपका टिकट कट सकता है।
30 दिन के भीतर मिलेगा रिपोर्ट कार्ड
भाजपा नेता ने बताया कि अगर सर्वे में यह पाया जाता कि कोई सांसद अपने क्षेत्र में जीत नहीं सकता है तो उस सांसद से पूछा जाएगा किस दूसरे उम्मीदवार को टिकट दिया जाए जो चुनाव में जीत दर्ज कर सकता हो। तमाम संगठन मंत्रियों को अगले 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। तीन दिन चले कॉन्कलेव में भाजपा में शामिल तमाम प्रचारकों से भी कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिससे की आगामी 2019 के चुनाव की रणनीति को बनाया जा सके।