रिटायरमेंट पर हेलिकॉप्टर से गांव लौटा चपरासी, सपना पूरा करने के लिए खर्च किए 3.25 लाख रुपये
फरीदाबाद: 60 साल के कूड़े राम मंगलवार को सरकारी स्कूल से चपरासी के पद से रिटायर्ड हुए। रिटायरमेंट लेने के बाद वो अपने गांव हेलिकॉप्टर से आए। ये उनका सपना था, जिसे उन्होंने 40 साल बाद पूरा किया। वो फरीदाबाद के नीमका गांव के एक सरकारी स्कूल में चपरासी थे। वहां से उनका गांव सदपुरा करीब 3 किलोमीटर दूर है। राम का सपना था कि वोट हेलिकॉप्टर में सफर करे और उन्होंने कई बार अपनी इच्छा अपने परिवार वालों को बताई भी थी।
कूड़े राम हेलिकॉप्टर से पहुंचे गांव
19 मार्च तक कूड़े राम की बात को किसी ने तब तक गंभीरता से नहीं लिया, जब तक वो अपने रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए अपने छोटे भाई और गांव के सरपंच के पास नहीपहुंचे। उन्होंने बताया कि वो अपने पूरे परिवार के लिए अपना रिटायरमेंट यादगार बनाना चाहते हैं। कूड़े राम ने कहा कि में कम शिक्षित हूं और जीवन में बड़ा नहीं कर सका लेकिन मैं अपने क्षेत्र में इतिहास बनाना चाहता था। इसलिए, कई वर्षों की योजना बनाने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अगर मैं अपने रिटायरमेंट को यादगार तरीके से योजना बनाऊं, तो लोग हमेशा मेरा नाम याद रखेंगे।
साइकिल से गए हेलिकॉप्टर से वापस आए
कूड़े राम ने कहा कि वो चपरासी के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन साइकिल से घर से निकले लेकिन हेलिकॉप्टर से वापस आए। उन्होंने आगे कहा कि उनका बचपन से विमान में बैठने का सपना था,लेकिन उन्हें कभी मौका नहीं मिल सका। उनके पास इतना पैसा भी नही था कि वो विमान से यात्रा की योजना बनाते। मैं हमेशा अपने परिवार से कहता था कि मैं मैं अपने सपनों में एक हेलीकॉप्टर देखता हूं, उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया।
परिवार के साथ हेलिकॉप्टर में किया सफर
मंगलवार
दोपहर
को
कूड़े
राम
ने
अपने
गांव
के
लिए
हेलिकॉप्टर
से
उड़ान
भरी।
उनके
साथ
उनकी
पत्नी,तीन
बेटियां
और
एक
पोता
था।
उन्होंने
करीब
15
मिनट
तक
गावं
का
चक्कर
हेलिकॉप्टर
में
लगाया।
कूड़े
राम
ने
कहा
कि
उन्होंने
शुरू
में
एक
विमान
किराये
पर
लेने
के
बारे
में
सोचा
था,
पर
उनके
परिवार
ने
इसे
ठुकरा
दिया।
उन्होंने
बताया
कि
इसके
लिए
हवाई
पट्टी
बनानी
होगी
और
इसमें
बहुत
लागत
लगेगी।
एक
महीने
की
चर्चा
के
बाद,
हमने
फैसला
किया
कि
हमें
एक
हेलीकॉप्टर
किराए
पर
लेना
चाहिए
और
हमने
उन
कंपंनियों
की
खोज
शुरू
की
जो
दिल्ली
में
सेवा
देती
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जब
वो
शुरुआत
में
जिस
भी
कार्यालय
में
जाते
थे,
लोग
अनुमति
पत्र
देखते
थे
और
हंसते
थे।
वो
मुझसे
कहते
हैं
कि
आनंद
की
सवारी
के
लिए
इतना
सा
क्यों
खर्च
करना
चाहता
है।
यात्रा पर खर्च किए 3.25 लाख
कूड़े राम का कहना था कि ये पैसे की बात नहीं थी, ये मेरा 40 साल का सपना था। मैं लोगों को यह समझाने में असमर्थ था कि मैं जीवन भर इस पल के लिए जी रहा हूं और इसके सपने देख रहा हूं। इस यादगार दिन उनके परिवार के 40 सदस्यों ने ढ़ाई घंटे तक हेलिकॉप्टर के सफर का आनंद उठाया। इस दिन परिवार ने एक लंच पार्टी का आयोजन किया था। इसमें 7000 मेहमान शामिल थे। राम ने लंच पर 3.50 लाख खर्च किए वहीं अपनी हेलिकॉप्टर यात्रा पर करीब 3.25 लाख खर्च किए।