रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के बेटे पर लगे सभी आरोप गलत
नई दिल्ली। रिटायर्ड आर्मी ऑफीसर के जिस बेटे को एनआईए ने हिरासत में लिया था, उन पर लगे सभी आरोप झूठे पाये गये हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं समीर सरदाना की, जिन्हें एनआईए ने शक की बिनाह पर हिरासत में लिया था।
जांच में नहीं मिला कुछ भी
अधिकारियों की ओर से जो भी जांच हुई उसमें समीर सरदाना का आतंकियों के साथ या किसी आतंकी संगठन के साथ कोई भी लिंक सामने नहीं आया है। सरदाना एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के बेटे हैं।
गोवा पुलिस ने सरदाना को आतंकी साजिश में शामिल होने के संदेह पर गिरफ्तार किया था। लेकिन लगातार हुई जांच में अब यह बात साबित हो चुकी है कि उनका किसी भी ऐसी साजिश से कोई लेना-देना नहीं है।
गैर-कानूनी सरदाना की हिरासत
सरदाना को इस वर्ष फरवरी में जमानत मिल गई थी और उनके वकील ने अदालत में आईपीसी की धारा 41 के तहत जिरह की थी।
उनके वकील ने कहा था कि केस में ऐसी कोई भी परिस्थिति नजर नजर नहीं आती है और ऐसे में अधिकारी उनकी गिरफ्तारी को सही बताने के लिए केस बनाने की कोशिशें कर रहे हैं।
सरदाना के वकील ने यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी और हिरासत पूरी तरह से गैर-कानूनी है। खास बात यह है कि पुलिस के पास उनके खिलाफ न तो कोई केस है और न ही कोई सुबूत।
किसी भी साजिश का हिस्सा नहीं
जांच के दौरान भी पुलिस को ऐसे कोई सुबूत नहीं मिले थे जिनसे साबित हो कि उनका किसी आतंकी साजिश से कोई लेना-देना है। उनके ई-मेल की जांच जरूर हुई थी लेकिन उसमें भी कोई ठोस सुबूत नहीं मिला था।
पुलिस ने यह भी कहा था कि उनके पास से पांच पासपोर्ट मिले हैं। जांच में यह सारे पासपोर्ट असली पाए गए और हर पासपोर्ट को एक पासपोर्ट के बाद एक अतिरिक्त बुकलेट के तौर पर जारी किया गया था।
काम के लिए बनाई थीं मेल आईडीज
उनकी मेल आईडीज के संबंध में पुलिस को पता लगा कि वे सिर्फ उन्होंने अपने काम के लिए ही तैयार किए थे। सरदाना ने हर उस सवाल का जवाब दिया जो पुलिस ने उनसे पूछा था।
इस बात का पता लगा कि सरदाना के खिलाफ कभी कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ तो ऐसे में आतंकियों के साथ जुड़े होने का सवाल ही नहीं उठता है।