प्रेग्नेंट बेटी के लिए रिटायर्ड कर्नल ने किया ऐसा दिल छूने वाला काम, हर कोई कर रहा है तारीफ
नई दिल्ली, 11 मई: जिंदगी के सफर में एक साथी की बड़ी भूमिका होती है। अगर जीवन के सफर में साथी बीच में छोड़कर चला जाता है, तो कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन आगे बढ़ते रहना ही जीवन है। इस बात को रिटायर्ड कर्नल संजय पांडे ने बड़ी खूबसरती के साथ चरितार्थ किया है। अपनी पत्नी की मौत के बाद उन्होंने अपनी बेटी के लिए मां की जगह भरने के लिए ऐसा काम किया है। जिसे पढ़कर हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है। संजय पांडे ने अपनी एक भावुक स्टोरी ट्विटर पर शेयर की है।

प्रेग्नेंट बेटी के लिए रिटायर्ड कर्नल ने निभाई मां की भूमिका
रिटायर्ड कर्नल संजय पांडेय ने लिखा कि उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। इसके ठीक एक साल बाद उनकी बेटी ने बताया- 'मैं प्रेग्नेंट हूं और आप नाना बनने वाले हैं।' चूंकि प्रेग्नेंसी के दिनों में अक्सर मां बेटी की खूब ख्याल रखती हैं। बतौर एक पिता मैं अकेला उसके प्रेग्नेंसी के दिनों में यूजलैस ही हूं। जैसे प्रेग्नेंसी से पहले उसकी मदद करना, मैं तो एक फाइटर हूं।' इस दौरान उनकी बेटी विदेश में रह रही थी।

बेटी के लिए पौष्टिक लड्डू बनाने की ठानी
ऐसे में कर्नल ने भी हौंसला नहीं खोया और प्रेग्नेंट बेटी के लिए मां की भूमिका में उतर आए। संजय पांडे ने लिखा कि, मैंने उस दिन से ही अपनी बेटी की मां बनने का निर्णय ले लिया था। जिस दिन उसने मुझे बताया था। मैं उसकी डाइट प्लान की। यूट्यूब, बुजुर्गों और किताबों के साथ इसके बारे में जानकारी ली। रात-रात को जागकर रिसर्च की। 30 दिनों के लिए लड्डू का पहला बैच तैयार हो गया था। पर दिक्कत थी दिल्ली और यूके के बीच की दूरी।'

लड्डुओं के विदेश भेजना था बड़ी चुनौती
कर्नल ने बताया कि, दिल्ली से यूके लड्डू भेजने की उन्होंने वैक्यूम पैकिंग मशीन, फूड ग्रेड प्लास्टिक जैसी आवश्यक चीजे जुटाईं। उन्होंने लड्डूओं को पहला बैच भेज से पहले लड्डू खराब ना हो इसके लिए उन्हें 96 घंटे फ्रिज में रखा गया था। इसके बाद उन्होंने ये लड्डू यूके भेज दिए। यह लड्डू उनकी बेटी के लिए काफी पौष्टिक साबित हुए। 15 दिनों के बाद उन्होंने दूसरी तरह के लड्डू बनाकर तैयार कर लिए, जोकि 21वें दिन डिस्पैच हुए।कर्नल ने बताया कि, इसके बाद ये सिलसिला शुरू हुआ। हर प्रकार का स्वस्थ और पौष्टिक भोजन जो एक पारंपरिक भारतीय माँ अपनी बेटी को देती है, वह मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से बनाए गए थे। स्वच्छता, पोषक तत्वों की गणना, कैलोरी, लड्डू का वजन, भंडारण तकनीक आदि सभी को सावधानीपूर्वक लिखा गया था। मैंने उसे आठवें महीने तक तरह तरह के पोषक खाने की चीजें भेजीं। कोविड के कारण वो अपनी बेटी के पास नहीं जा पा रहा थे।

यूके पहुंच कर्नल ने बेटी के लिए बना डाले कई तरह के पौष्टिक व्यंजन
कर्नल ने बताया कि, बेटी की पोस्ट प्रेग्नेंसी का टाइम आया, तो उन्हें फिर से रिसर्च करनी शुरू कर दी। जिसके तहत वे खाद्य पदार्थ और सुपरफूड जो स्तनपान कराने या दूध बढ़ाने आदि में मदद करते हो उनका अध्ययन किया। इसके बाद मैंने पहली खेप अगस्त में भेजी गई। यह सिलसिला हर महीने चलता रहा। इसके बाद में खुद यूके पहुंच गया। जहां मैंने अपनी बेटी के लिए गार्डन क्रेस, एडिबल गम, मेथी, शतावरी जैसे पौष्टिक पदार्थों की खाने की चीजें बनाई।
गजब: शेर और कुत्ते में हुई 'जय-वीरू' वाली दोस्ती, साथ चलते-साथ बैठते, वन्यजीव विशेषज्ञ भी हैरान

12 तरह के लड्डू बनाने में महारत हासिल कर चुके हैं संजय पांडे
उन्होंने अपने ट्वीट्स में बताया कि किस तरह से अपनी बेटी का प्रेग्नेंसी के ध्यान रखने के दौरान उन्होंने गर्भवती महिला के लिए लड्डू बनाने में महारत हासिल कर ली। आज वो 12 तरह के ऐसे लड्डू बना लेते हैं जो गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए काफी जरूरी होते हैं। वो कहते हैं कि उन्हें अपने आप पर गर्व होता है कि उन्होंने अपनी पत्नी की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाया। उनकी बेटी ने अपने पिता के सामने यह कसम खाई थी कि वो सिर्फ और सिर्फ वही खाएगी जो उनके पिता उन्हें देंगे। अब सोशल मीडिया पर यूर्जस कर्नल की जमकर तारीफ कर रहे हैं।