रोजाना 1 लाख मास्क तैयार करेगा रिलायंस, काम बंद होने पर सभी कर्मचारियों को देगी पूरा वेतन
मुंबई। कोरोना वायरस के देश लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते बाजार में मास्क और सेनिटाइजर की जबरदस्त तरीके से कालाबाजारी हो रही है। मास्क की कमी को देखते हुए रिलायंस की तरफ से कहा गया है कि वो मास्क बनाने के लिए प्रोडक्शन बढ़ा रहा है। कंपनी की तरफ से बताया गया है कि रोजाना करीब 1 लाख फेस मास्क बनाए जाएंगे। कंपनी ने कहा कि, कोरोना वायरस से लड़ाई में कई लोग अपना योगदान दे रहे हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा के लिए मास्क जैसी सुरक्षा वाली चीजों की जरूरत है,इसीलिए कंपनी की तरफ से प्रोडक्शन को बढ़ाने जा रही है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार को कहा कि वह प्रति दिन एक लाख फेस मास्क और देश के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सूट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण तैयार करने की क्षमता बढ़ा रही है ताकि उन्हें कोरोनो वायरस चुनौती से लड़ने के लिए मदद मिल सके। उसकी सीएसआर (कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी) इकाई द्वारा संचालित अस्पताल ने अपने एक अस्पताल में कोरोना वायरस मरीजों के लिये 100 बेड वाली एक इकाई स्थापित की है। इनमें वेंटिलेटर, डायलेसिस मशीन, पेशेंट मॉनिटिरिंग मशीन से लेकर बायो मेडिकल इक्युपमेंट्स तक मौजूद हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह भी कहा कि अगर इस संकट के कारण उसका काम रूकता है तो भी वह स्थायी और ठेका पर काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन देगी। कंपनी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को ले जाने वाले आपातकालीन वाहनों को मुफ्त में ईंधन उपलब्ध कराएगी। वहीं रिलायंस फाउंडेशन उन लोगों को मुफ्त में खाना उपलब्ध कराएगी जिनकी इस महामारी के कारण आजीविका प्रभावित हुई है।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, आरआईएल ने महाराष्ट्र के लोदीवली में आइसोलेशन सुविधा का निर्माण किया है और इसे जिला अधिकारियों को सौंप दिया है। रिलायंस लाइफ साइंसेज प्रभावी परीक्षण के लिए अतिरिक्त टेस्ट किट और उपभोग्य सामग्रियों का आयात कर रहा है। बयान में कहा गया है, "हमारे डॉक्टर और शोधकर्ता इस घातक वायरस का इलाज खोजने का काम कर रहे हैं। आरआईएल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का फंड भी दिया है।
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