Jharkhand: 'भात-भात कहते मर गई 11 साल की मासूम, आधार कार्ड की वजह से गंवानी पड़ी जान
हालात इतने बदतर हो गए थे कि परिवार के पास खाने के लाले पड़ गए थे, जिसके चलते 11 साल की मासूम संतोषी कुमारी की जान चली गई। बच्ची की मां ने बताया कि मैं जब राशन की दुकान पर राशन लेने गई तो उन लोगों ने राशन देने से मना कर दिया। मेरी बेटी भात-भात कहते मर गई।
रांची। जिस तरह से तमाम सेवाओं के लिए लगातार आधार कार्ड को लिंक कराना अनिवार्य किया जा रहा है वह अब लोगों के मुश्किल खड़ी करने लगा है। आलम यह है कि इसकी वजह से अब लोगों को अपनी जान से भी हाथ गंवाना पड़ रहा है। झारखंड के सिमडेगा जिले में 11 साल की मासूम को आधार कार्ड की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। दरअसल बच्ची का परिवार अपना राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं करा पाया था, जिसकी वजह से उसे राशन नहीं मिला और मासूम बच्ची को भूख की वजह से तड़प-तड़प कर अपनी जान गंवानी पड़ गई।
आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंक नहीं होने की वजह से परिवार को पीडीएस स्कीम के तहत जो गरीबों को अनाज मिलता है वह उसे नहीं मिल पा रहा था। हालात इतने बदतर हो गए थे कि परिवार के पास खाने के लाले पड़ गए थे, जिसके चलते 11 साल की मासूम संतोषी कुमारी की जान चली गई। बच्ची की मां ने बताया कि मैं जब राशन की दुकान पर राशन लेने गई तो उन लोगों ने राशन देने से मना कर दिया। मेरी बेटी भात-भात कहते मर गई।
वहीं इस घटना के बारे में खाद्य सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था जानकारी दी है। संस्था के अनुसार 28 सितंबर को संतोषी की मौत इसलिए हो गई थी क्योंकि पिछले आठ दिनों से घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था। संतोषी की मां कोईली देवी ने संस्था को बताया कि उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं था, जिसकी वजह से उन्हें फरवरी माह से अनाज नहीं मिल रहा है। इसी के चलते 27 सितंबर को संतोषी की तबियत काफी बिगड़ गई और उसके पेट में भूख के मारे दर्द होने लगा और शरीर अकड़ गया।
वहीं इस घटना के सामने आने के बाद जलगेड़ा गांव के प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार कोंगारी का कहना है कि बच्ची की मौत भूख की वजह से नहीं हुई, बल्कि उसकी मौत मलेरिया की वजह से हुई है। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि परिवार का राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं है, जिसकी वजह से परिवार का नाम पीडीएस के लाभार्थियों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। संतोषी को दोपहर में मिड डे मील के तहत खाना स्कूल में मिल रहा था, लेकिन दुर्गा पूजा की छुट्टियों की वजह से स्कूल बंद हो गया था और उसे भूखा रहना पड़ा, जिसके चलते उसकी जान चली गई।
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