दूसरी लहर में महत्वपूर्ण देखभाल वाले कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि- स्वास्थ्य मंत्रालय
शनिवार को भारत सरकार द्वारा जारी किये गए डेटा के अनुसार भारत में 50 हजार कोरोना के मरीज वर्तमान में आईसीयू में हैं, जबकि 14,500 से अधिक मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
नई दिल्ली, 9 मई। शनिवार को भारत सरकार द्वारा जारी किये गए डेटा के अनुसार भारत में 50 हजार कोरोना के मरीज वर्तमान में आईसीयू में हैं, जबकि 14,500 से अधिक मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। इसके अलावा 1.37 लाख मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। यह पहली बार है जब सरकार ने पूरे देश से उन कोरोना मरीजों का डेटा जारी किया है जिन्हें महत्वपूर्ण देखभाल की जरूरत है, और यह दर्शाता है कि कोरोना की दूसरी लहर पिछले साल आई पहली लहर की तुलना में कितनी ज्यादा खतरनाक है।
पहली लहर के दौरान कोरोना के सितंबर में चरम पर पहुंचने के समय भारत में 23 हजार मरीज आईसीयू में थे, जबकि 4 हजार से कम मरीज वेंटिलेटर पर थे और लगभग 40 हजार मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। शनिवार को कोरोना के मुद्दे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई मंत्रियों के समूह की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर नवीनतम आंकड़े जारी किये।
आज की तारीख तक कोरोना के सक्रिय मामलों के 1.34 प्रतिशत मरीज आईसीयू में हैं जबकि उनमें से 0.39 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं और 3.7 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। 7 मई तक भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 37.33 लाख है।
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आधिकारिक आंकड़े के अनुसार भारत में वर्तमान में कोरोना की पहली लहर के मुकाबले 2 गुना ज्यादा मामले आईसीयू के हैं जबकि पहली लहर के मुकाबले 3.68 गुना ज्यादा मामले वेंटिलेटर के हैं। वहीं ऑक्सीजन सपोर्ट के मामले पहली लहर की तुलना में 3.44 गुना हो गए हैं।
आंकड़े बताते हैं कि महत्वपूर्ण देखभाल वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है जिसकी वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर, वेड और आईसीयू बेडों की कमी पड़ती जा रही है। सरकार ने कोरोना की पहली लहर से अबतक आईसीयू और वेंटिलेटर सपोर्ट पर गए लोगों का भी आंकड़ा जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक 488,861 लोगों को आईसीयू बेड की जरूरत पड़ी, 170,841 लोगों को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी जबकि 902,291 लोगों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।
अभी तक भारत में 2.18 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं 93 प्रतिशत मरीज ऐसे भी रहे जिन्हें किसी भी गंभीर देखभाल की जरूरत नहीं पड़ी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने (मंत्रियों के समूह) जीओएम को बताया कि कोरोना कि कुल 53.25 लाख खुराक फिलहाल पाइपलाइन में हैं और जल्द ही राज्यों को इनकी आपूर्ति की जाएगी।
मंत्रियों के इस समूह में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे वह अन्य मंत्री उपस्थित थे। बैठक में मौजूद रहे एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने टीयर 2/3 शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना के टेस्टों की संख्या बढ़ाने और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया