Arun Govil joins BJP: भाजपा के हुए रामायण के 'राम', जानिए उनका फिल्मों से टीवी तक का सफर
नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनावों की उल्टी गिनती जारी है और इस दौरान राजनीतिक दलों में नेताओं और कलाकारों का आना-जाना लगा हुआ है। इसी क्रम में टीवी के ऐतिहासिक शो 'रामायण' में राम का किरदार प्ले करने वाले अभिनेता अरुण गोविल आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। माना जा रहा है कि अरुण गोविल बंगाल में भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे और वो वहां करीब 100 से ज्यादा जनसभाएं करेंगे। मालूम हो कि साल 87-88 के बीच प्रसारित हुए 'रामायण' शो ने सफलता का नया इतिहास लिखा था, जिसकी वजह से लोग अरुण गोविल को ही असली 'राम' समझने लगे थे।
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भाजपा के हुए रामायण के 'राम'
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान एक बार फिर से डीडी पर 'रामायण' का प्रसारण हुआ और इसने फिर से सफलता की नई इबादत लिखी, जिसके बाद 'रामायण' के किरदार पुन: लोगों के दिलों में जिंदा हो गए। खास बात ये रही कि रामानंद सागर के 'रामायण' को युवा पीढ़ी ने भी काफी पसंद किया और इस वजह से लंबे समय से टीवी और फिल्मों से दूर हो चुके अरुण गोविल फिर से लोगों के चहेते बन गए।
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फैंस ने किया अरुण गोविल का स्वागत
इसमें कोई शक नहीं कि अरुण गोविल की अपनी एक फैन फॉलोइंग है, अब इसका कितना फायदा भाजपा को मिलता है, ये तो आने वाला चुनाव परिणाम बताएगा लेकिन अरुण गोविल की राजनीतिक पारी शुरू होने से उनके फैंस काफी खुश हैं, उन सभी ने अरुण गोविल के इस कदम का स्वागत किया है।
अरुण गोविल का जन्म यूपी के मेरठ में हुआ था
आपको बता दें कि अरुण गोविल का जन्म यूपी के मेरठ में हुआ था। उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से इंजिनियरिंग साइंस की पढ़ाई की थी। थियेटर का शौक रखने वाले अरुण गोविल ने अपने कॉलेज के दौरान ही कुछ प्ले किए थे, जिसके बाद उन्होंने मुंबई जाने का प्लान किया,उनके पिता सरकारी नौकरी में थे।
राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म पहेली से मिला ब्रेक
कोई फिल्मी बैकग्राउंड ना होने कारण अरुण गोविल को भी शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद साल 1977 में उन्हें राजश्री प्रोडक्शन में बड़ा ब्रेक मिला फिल्म पहेली से, किरदार छोटा था लेकिन फिल्म में अरुण गोविल ने अपनी एक्टिंग से लोगों का ध्यान खींचा था।
'सावन को आने दो' बड़ी हिट फिल्म थी
इसके बाद ये राजश्री प्रोडक्शन के लविंग हीरो बने गए। 1979 में आयी फिल्म 'सावन को आने दो' इनके फ़िल्मी करियर की बहुत बड़ी हिट फिल्म थी। इन्होंने 'सांच को आंच नहीं', 'इतनी सी बात', 'हिम्मतवाला' , 'दिलवाला', 'हथकड़ी' और 'लव कुश' जैसी फिल्मों में काम किया।
'अरुण जब राम बने तो वो राम के ही होकर रह गए'
इसके बाद उनकी मुलाकात हुई रामानंद सागर से, जिन्होंने पहले उन्हें 'विक्रम बेताल' और फिर 'रामायण' में लीड रोल ऑफर किया। लेकिन अरुण गोविल जब राम बने तो वो राम के ही होकर रह गए, आज भी लोग उन्हें राम ही कहकर पुकारते हैं।
अभिनेत्री श्रीलेखा से की शादी
निजी जीवन की बात करें तो अरुण गोविल ने अभिनेत्री श्रीलेखा से शादी की है और उनके दो बच्चे हैं। उनके बेटे का नाम अमल और बेटी का नाम सोनिका है।
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