उपचुनाव हारने का असर, भाजपा ने राज्यसभा के लिए दो उम्मीदवारों के नाम लिए वापस
उपचुनाव हारने का असर,
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और बिहार में बीते दिनों संपन्न हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 3 संसदीय सीटों और 2 विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अब इसका असर यह हो रहा है कि आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दो उम्मीदवारों के नाम वापस ले लिए हैं। उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने 11 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। हालांकि हार के बाद भाजपा के 2 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसमें विद्यासागर सोनकर और सलिल विश्नोई का नाम शामिल है। हालांकि अभी भी भाजपा की 9 उम्मीदवार इस चुनाव मैदान में हैं। बता दें कि 403 विधायकों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 324 विधायक है। जिसके जरिए भाजपा 8 लोगों को राज्यसभा आसानी से भेज सकती है। लेकिन भाजपा ने 3 अन्य उम्मीदवार सपा और बसपा का खेल बिगाड़ने के लिए खड़ा किया।
मौजूदा चुनावी नतीजों के बाद यह माना जा रहा है कि राज्य से भाजपा 8, सपा का एक उम्मीदवार आसानी से राज्यसभा जा सकता है। हालांकि 10वीं सीट पर बसपा के भीमराव आंबेडकर के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सदन में बसपा के कुल 19 विधायक हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के 7, रालोद और निषाद के 1-1 विधायक भी बसपा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। अगर यही समीकरण मतदान वाले दिन भी रहा तो भीमराव आंबेडकर सदन में पहुंच सकते हैं।
राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि भाजपा, बसपा के उम्मीदवार को सदन में ना पहुंचने देने के लिए अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव से संपर्क में है। हालांकि मौजूदा उपचुनाव के परिणामों के बाद ऐसा कम ही लग रहा है कि शिवपाल, अखिलेश के खिलाफ जाएंगे। जानकारों की मानें की अगर शिवपाल ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो बसपा के उम्मीदवार भीमराव राज्यसभा पहुंच सकते हैं।
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