Wild Life (Protection) Amendment Bill: वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक को मिली मंजूरी, जानिए उसके बारे में
वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन कानून के तहत विलुप्त हो रही प्रजातियों की संख्या में वृद्धि कराना है। आपको बता दें कि भारत में करीब 75,000 प्रजातियों के जीव और 45,000 वनस्पतियां पाई जाती हैं।
Wild Life (Protection) Amendment Bill: संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को राज्यसभा ने वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। जिसके जरिए अब वन्य जीवों के संरक्षण और उनकी लाइफ की बेहतरी के लिए काम किए जाएंगे। गौरतलब है कि 8 दिसंबर को ये बिल संसद के उच्चसदन में ध्वनिमत से पारित किया गया।
क्या है वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक ?
इस बिल के तहत केवल वन्य जीव ही नहीं बल्कि जंगलों में पाए जाने वाले पेड़-पौधे और लुप्त हो रही प्रजातियों का संरक्षण करना है। इस कानून के तहत विलुप्त हो रही प्रजातियों की संख्या में वृद्धि कराना और CITES को लागू करना है।अब सवाल ये उठता है कि ये CITES क्या है तो आपको बता दें कि CITES का पूरा नाम Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora है, जो कि इंटरनेशनल एग्रीमेंट है, जिसका पालन नेशनल और रीजनल एकीकरण संगठन करते हैं। वैसे ये बिल वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 का संशोधित रूप है और इससे पहले भी कई बार इस बिल में संशोधन हो चुका है, इस बिल में अंतिम संशोधन साल 2006 में हुआ था।
कई जागरूकता अभियान भी चलाए गए
मालूम हो कि भारत जैसे विशाल देश में लगभग 75,000 प्रजातियों के जीव और 45,000 वनस्पतियां पाई जाती हैं, जिनमें से अब काफी प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर है। इसके लिए देश में कई जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं। जिसके जरिए लोगों को लुप्त जीवों और पेड़ों को जागरुक करना है।
देश के कुछ जीवों पर मंडरा रहा है खतरा
इलेक्स खासियाना, ग्रिफिथआई, चेरापुंजियाना , नीलगिरिएंसिस जैसी वनस्पतियां अब लुप्त होने के कगार पर हैं तो वहीं हाथी , बंगाल टाइगर , शेर , एक सींग वाला गैंडा, गौर, अफ्रीकी लंगूर ,तिब्बती हिरन, गंगा नदी डॉल्फिन , गल फाउल, येलो वीवर ,अलेक्जेंड्रीन पैराकीट, नीलगिरि फ्लाईकैच जैसे जीवों पर भी खतरा मंडरा रहा है। इस पीछे कारण जंगलों का कटना और जानवरों का अपने मतलब के लिए तस्करी और मारना है। वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक के जरिए अब इन कामों पर रोकथाम सख्ती से की जाएगी।