प्रणब मुखर्जी के निधन पर बोले राजनाथ सिंह, उनका जाना मेरे लिए निजी क्षति
नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम को निधन हो गया है। 84 साल के प्रणब मुखर्जी 20 दिन से वो मौत और जिंदगी के बीच लड़ रहे थे। 20 दिन पहले उनकी उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी। ऑपरेशन के बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। वो लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि ये उनके लिए निजी नुकसान है।
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राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि प्रणब मुखर्जी सभी लोगों के बीच सम्मानित थे। उनको अलग-अलग क्षेत्रों की जैसी जानकारी थी, वो कमाल थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। डॉ. मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में वो उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे भी सर्वप्रिय थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया। पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान व्यक्ति उत्कृष्टता, एक विशाल राजनेता, वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम और समाज के सभी वर्गों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी दो फोटो भी शेयर की।
प्रणब मुखर्जी भारतीय राजनीति का बड़ा नाम रहे। वो कई दफा केंद्रीय मंत्री और दूसरे बड़े पदों पर रहे। इसके बाद भारत के राष्ट्रपति भी रहे। कई मौकों पर उनको प्रधानमंत्री पद का भी दावेदार माना गया। पिछले साल अगस्त में प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया था।
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