राजस्थान: आरक्षण के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी में गुर्जर समुदाय, 167 गांवों में इंटरनेट बंद
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भरतपुर: राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। आरक्षण की इस मांग की भनक जैसे ही प्रशासन को लगी, उनके हाथ-पांव फूलने लगे हैं। रेलवे भी सतर्क हो गया है और इससे लिपटने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल के इंतजाम भी कर लिये गये हैं। आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों के आंदोलन की खबर सरकार को लग चुकी है और भरतपुर के संभागीय आयुक्त ने 80 पंचायतों के 167 गांवों में इंटरनेट सेवाओं पर 15 मई की शाम तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। गुर्जर समुदाय 15 मई से बयाना में महापंचायत कर आरक्षण आंदोलन की शुरुआत करने जा रहा है।
आरक्षण को लेकर आंदोलन की जानकारी जिला प्रशासन को लगी तब कलेक्टर ने गुर्जर नेता किशोरी सिंह बैंसला से वार्ता करने का प्रस्ताव भी भेजा। गुर्जर समुदाय आरक्षण की मांग लगातार करता रहा है और उनके आंदोलन के कारण सरकारी संपत्ति को सबसे अधिक नुकसान होता है। रेलवे भी इस आंदोलन को लेकर सतर्क है और सुरक्षा के बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं।
बता दें कि गुर्जर समुदाय ने वर्ष 2007 में 29 मई से 5 जून सात दिनों तक आंदोलन किया था जिसमें 38 लोग मारे गए थे। वहीं इस आंदोलन की चपेट में 22 जिले रहे थे। इसके बाद 23 मई से 17 जून 2008 तक 27 दिन तक गुर्जर आंदोलन चला था जिसमें 30 से ज्यादा जानें गई थीं। इस आंदोलन का व्यापक असर देखने को मिला था और इसकी चपेट में देश के 9 राज्य रहे थे।
गुर्जर समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए गये आंदोलनों में रेलवे को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है और कई दिनों तक रेल सेवाएं भी बाधित रहती हैं। इसके अलावा पटरियों को भी नुकसान होता है। इस प्रकार के आंदोलनों से रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो चुका है।