राजस्थान में भाजपा के खिलाफ उतरे राजपूत संगठन क्यों लगा रहे, 'हमारी भूल कमल का फूल' का नारा
राजस्थान में राजपूत संगठनों का नारा, हमारी भूल कमल का फूल
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य में सात दिसंबर को वोट पड़ने हैं और यहां राजपूत बड़ी तादाद में भाजपा के खिलाफ उतर गए हैं। राजपूतों की रैलियों में 'हमारी भूल कमाल का फूल' का नारा लग रहा है। जिले में राजपूतों के बड़े संगठन राजपूत सभा ने भाजपा के विरोध की बात कही है तो राजपूत करणी सेना ने 'कमल का फूल, हमारी भूल' नारा दिया है। रावणा राजपूत और कई संगठन लोगों से भाजपा के खिलाफ वोट करने को कह रहे हैं।
आनंदपाल का एनकाउंटर मुद्दा
जयपुर से करीब 200 किमी दूर नागौर में आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर भी बड़ा मुद्दा है। बीते साल सिंह का एनकाउंटर किया गया था, परिवार का आरोप है कि ये एनकाउंटर फर्जी था। आनंदपाल रावणा राजपूत समाज से आते थे, इस समाज के लोगों क कहना है कि राज्य में भाजपा को हराना ही उनका मकसद है। नागौर के लडनून में भाजपा के खिलाफ भारी गुस्सा है।
'भाजपा राजपूतों के खिलाफ है'
रावणा राजपूतों से जुड़े संगठन का कहना है कि भाजपा की सरकार लगातार उनके समाज के खिलाफ काम कर रही है। आनंदपाल की बेटी योगिता का कहना है कि राजपूतों की 36 बिरादरी इस चुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट करेंगी। नागौर में 10 विधानसभा सीटें हैं, सभी सीटों पर राजपूतों में भाजपा के लिए गुस्सा दिखता है।
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भाजपा का साथ देने का सवाल ही नहीं
राजपूत के बेहद पुराने संगठन राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा का कहना है कि हमने एक लंबे समय से इस पार्टी का साथ दिया लेकिन इस बार वो कतई भाजपा का साथ नहीं देने वाले हैं। भाजपा ने हमारे नेता जसवंत सिंह का पिछले लोक सभा चुनाव में टिकट काट दिया। भैरोसिंह शेखावत के परिवार की उपेक्षा की। इससे हम लोग आहत हैं।
इनका कहना है, राजपूत सभा भवन को मंदिर मानता है, यह एक सामाजिक संस्था है। भाजपा सरकार ने सभा भवन पर छापे लगवाए, सर्विस टैक्स का छापा डलवाया गया। राजमहल परिसर एक हिस्से पर सरकार ने कब्जा किया, आनंदपाल और समराऊ प्रकरण में राजपूतों के खिलाफ पुलिस में मुकदमें दर्ज हुए। ऐसे में कैसे इस पार्टी को वोट दें।