राजस्थान: चुनाव से ठीक पहले सचिन पायलट के वसुंधरा राजे की तारीफ के क्या हैं सियासी मायने
नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज है। प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है। हालांकि चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे की तारीफ की है, इससे सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है। दरअसल सचिन पायलट ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो काम भाजपा में कोई नहीं कर सका, यहां तक कि देश में भी भाजपा का कोई नेता नहीं कर सका उसे वसुंधरा राजे ने कर दिखाया। उन्होंने अमित शाह को उनकी जगह दिखाई, जोकि भाजपा में कोई भी नहीं कर सका। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर ये बातें कहीं इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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इसलिए सचिन पायलट ने की वसुंधरा की तारीफ
चुनावी जानकारों के मुताबिक सचिन पायलट के वसुंधरा राजे की तारीफ के पीछे मुख्य वजह यही है कि राजस्थान की मुख्यमंत्री ने इस बार के चुनाव में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की एक नहीं चलने दी। चाहे उम्मीदवारों के चयन का मामला हो या फिर अपनों को पार्टी में अहम पद दिलाने का मुद्दा, सभी जगह वसुंधरा राजे ने अड़े रहकर अपनी बात मनवाई। इसका असर कहीं न कहीं चुनावों में दिखाई देगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये माना जा रहा है कि अमित शाह को इस बात का आभास हो गया था कि चुनाव में पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में जरूरी बदलाव किए जाने चाहिए, लेकिन वसुंधरा राजे के आगे आने से उनकी रणनीति कामयाब नहीं हो सकी।
सचिन पायलट बोले- वसुंधरा और अमित शाह के बीच शीत-युद्ध चलता रहा
सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे 75 दिनों तक अपनी लड़ाई लड़ती रहीं और उनके और अमित शाह के बीच शीत-युद्ध चलता रहा, लेकिन जुलाई में इस शीत युद्ध का परिणाम वसुंधरा राजे के पक्ष में आया। राजस्थान उपचुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अशोक परनामी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ने के लिए कहा गया था। अमित शाह की रणनीति पहली बार सांसद बने गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान की कमान सौंपने की थे, लेकिन वो नाकाम रहे। खुद वसुंधरा राजे ने पूरे मामले पर मोर्चा खोल दिया, जिसकी वजह से फैसला वसुंधरा के पक्ष में गया।
टिकट बंटवारे में दिखा वसुंधरा का जलवा
अमित शाह के नहीं चाहते हुए भी टिकट बंटवारे में वसुंधरा का जलवा दिखा। उन्होंने अपनी सरकार में शामिल कई मंत्रियों को फिर से टिकट दिलाने में कामयाब हो पाई जबकि ऐसा माना जा रहा था कि अमित शाह कई मंत्रियों के टिकट काट सकते हैं। हालांकि कुछ मंत्रियों के टिकट जरूर कटे, लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री अपनी बात मनवाने में कामयाब रही। जानकारों के मुताबिक सचिन पायलट को लग रहा है कि वसुंधरा के इन फैसलों का फायदा कहीं न कहीं कांग्रेस को हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव में एंटीइंकम्बैंसी फैक्टर सत्ताधारी पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
क्या कांग्रेस को मिलेगा फायदा
जानकारों के मुताबिक बीजेपी के 'चाणक्य' माने जाने वाले अमित शाह ने इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर को थामने के लिए अपने स्तर पर राजस्थान में चुनावी फैसले लेने की योजना बनाई थी, हालांकि वसुंधरा राजे ने उनकी प्लानिंग में कहीं न कहीं ब्रेकर लगा दिया। इसका असर पार्टी के मनोबल पर भी होगा। इन सभी बातों को समझते हुए सचिन पायलट को लग रहा है कि ये कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त जैसी है। पार्टी वसुंधरा सरकार के खिलाफ गुस्से को अपने हक में करने में कामयाब रहेगी।
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