राहुल गांधी बोले-गरीबों के हिस्से के चावल से सैनिटाइजर बनाकर अमीरों के हाथ साफ करेगी सरकार
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना संकट के बीच सरकार के एक फैसले से विवाद खड़ा हो गया है। मोदी सरकार ने तय किया है कि वह गोदामों में मौजूद अतिरिक्त चावल से हैंड सैनिटाइजरों की आपूर्ति के लिए जरूरी एथेनॉल और पेट्रोल बनाएगी। राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। राहुल ने कहा कि, सरकार गरीबों के हिस्से के चावल से सैनिटाइजर बनाकर अमीरों के हाथ साफ करेगी।
मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सरकार पर हमला करते हुए कहा ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, आखिर हिंदुस्तान का गरीब कब जागेगा? आप भूखे मर रहे हैं और वो आपके हिस्से के चावल से सैनीटाइजर बनाकर अमीरों के हाथ की सफाई में लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक खबर भी पोस्ट की है जिसमें कहा गया है कि कोराना संकट के बीच सरकार का यह फैसला विवाद पैदा कर रहा है कि जब लॉक डाउन के कारण लोग भुखमरी के दौर से गुजर रहे हैं और सरकार उनके हिस्से के चावल से सैनिटाइजर बनाने का फैसला ले रही है।
बता दें कि सरकार की तरफ से बताया गया कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल को एथेनॉल में बदलने और उसका उपयोग एल्कोहल आधारित सैनिटाइजरों के निर्माण और पेट्रोल में मिलाने के लिए करने को मंजूरी दी गई है। इसका फैसला पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय जैव-ईंधन समन्वय समिति की बैठक में किया गया। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी से जूझ रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने सरकार से आग्रह किया था कि, 'कोविड-19 के इस मुश्किल वक्त में हम लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस महामारी के उपचार से जुड़े सभी छोटे-बड़े उपकरण जीएसटी मुक्त किए जाएं। गांधी ने कहा कि बीमारी और गरीबी से जूझती जनता से सैनिटाइजर, साबुन, मास्क, दस्ताने आदि पर जीएसटी वसूलना गलत है। इन सब को जीएसटी मुक्त करने की मांग पर हम डटे रहेंगे।
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