जम्मू कश्मीर: रेडियो कश्मीर नहीं अब घाटी में भी ऑल इंडिया रेडियो, बदले गए स्टेशनों के नाम
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श्रीनगर। गुरुवार यानी 31 अक्टूबर से देश में 28 राज्य और सात संघ शासित प्रदेश हो गए हैं। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग संघ शासित प्रदेश हैं। इसके साथ ही 31 अक्टूबर से घाटी और लद्दाख में ऑल इंडिया रेडियो का टेलीकास्ट भी शुरू हो गया है। यहां के रेडियो स्टेशनों का नाम बदलकर ऑल इंडिया जम्मू, ऑल इंडिया रेडियो श्रीनगर और ऑल इंडिया रेडियो लेह कर दिया गया है। अब जम्मू कश्मीर में रेडियो कश्मीर की ऑल इंडिया रेडियो का प्रसारण होगा।
प्रसार भारती का नियंत्रण
रेडियो कश्मीर, भी प्रसार भारती के तहत ही आता था और सूचना प्रसारण मंत्रालय पर इसका नियंत्रण था। दो स्टेशनों के साथ ऑपरेट होने वाले रेडियो कश्मीर को, जम्मू में डोगरी और उर्दू में तो श्रीनगर में कश्मीरी, उर्दू् और हिंदी में सुना जा सकता था। बुधवार को आधी रात गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो संघ शासित प्रदेशों में बंट गए हैं। पांच अगस्त के केंद्र सरकार की तरफ से आर्टिकल 370 खत्म करने 86 दिन राज्य दो हिस्सों में विभाजित हो गया है।
क्या होगा जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अंतर
गुरुवार को आरके माथुर ने लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल के तौर पर शपथ ली है। जम्मू और कश्मीर के पास अब पुड्डुचेरी की तरह ही एक विधानसभा होगी जहां पर चुने हुए विधायक बतौर सदस्य मौजूद रहेंगे। साथ ही एक मुख्यमंत्री भी होगा। वहीं दूसरी तरफ लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ की तरह है जहां पर कोई भी विधानसभा नहीं होगी। जम्मू कश्मीर और लद्दाख में दो हिल डेवलपमेंट काउंसिल्स भी होंगी। जम्मू एंड कश्मीर रजिस्ट्रेशन एक्ट 2019 के तहत दोनों संघ शासित प्रदेशों को उप-राज्यपाल के तहत नियंत्रित किया जाएगा।
मुर्मू होंगे घाटी में उप-राज्यपाल
जीसी मुर्मू, जम्मू कश्मीर के पहले उप-राज्यपाल होंगे। उन्हें गुरुवार को राजभवन में एक कार्यक्रम में श्रीनगर हाई कोर्ट के जस्टिस गीता मित्तल की तरफ से शपथ दिलाई जाएगी। गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के साथ ही जम्मू कश्मीर का संविधान और यहां पर जारी रणबीर पीनल कोड भी खत्म हो गया है। नोटिफिकेशन में उन सभी कानूनों के बारे में जानकारी भी दी गई है जो देश के बाकी हिस्सों की ही तरह अब जम्मू कश्मीर में भी लागू हो सकेंगे।