19 साल तक जीने के बाद 'मछली' ने दुनिया को कहा अलविदा
जयपुर। शेरों की महारानी यानी क्वीन ऑफ टाइगर्स के नाम से मशहूर रणथंभौर की शान मछली की 19 वर्ष की आयु में मौत हो गई है। मछली देश में चलाए जा रहे टाइगर कंजर्वेशन प्रोग्राम का चेहरा थी और गुरुवार सुबह उसे रणथंभौर के नेशनल पार्क में मृत पाया गया।
दुनिया का सबसे बूढ़ा शेर
मछली को दुनिया का सबसे बूढ़ा शेर माना जाता है। उसकी तबियत पिछले चार दिनों से खराब थी और वह आधी बेहोशी की हालत में थी। रणथंभौर नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि पिछले चार दिनों में मछली ने चार किलोग्राम मीट खाया था और उसके बाद से ही वह हिल नहीं रही थी।
क्यों दिया गया था मछली नाम
विशेषज्ञों के मुताबिक मछली की 19 वर्ष की आयु की अगर मानव जिंदगी से तुलना करेंगे तो यह 110 से 120 वर्ष तक होती है। शेर की जिंदगी 12 से 13 वर्ष तक की होती है और ऐसे में मछली छह वर्ष ज्यादा जिंदा रही थी। मछली को टी-16 के नाम से भी जानते हैं।
उसका जन्म वर्ष 1997 में हुआ था और उसके चेहरे पर मछली जैसा निशान देखकर ही उसका नाम मछली पड़ा था। वह दुनिया की ऐसी शेरनी थी जिसकी सबसे ज्यादा फोटोग्राफ्स खिचीं गई थीं।
नौ शावकों की मां मछली
मछली की वजह से रणथंभौर नेशनल पार्क को हर साल अच्छा खासा राजस्व हर वर्ष मिलता था। पिछले 16 वर्षों ने मछली ने करीब नौ शावकों को जन्म दिया था। पिछले कुछ वर्षों में नए शेरों की तादाद बढ़ने की वजह से मछली को पार्क के मुख्य हिस्से से हटा दिया गया था। लेकिन कुछ माह पहले उसे फिर से पार्क के मुख्य हिस्से में लेकर आया गया था।