ब्लाइंड डेट की चाह में 12 वीं का छात्र लुटा बैठा लाखों, 3 महीने इंतजार के बाद न महिला मिली और ना ही...
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में एक 12वीं क्लास का किशोर ऑनलाइन डेटिंग साइट फ्रॉड का शिकार हो गया। डेटिंग साइट के शिकार हुए युवक से महिला के साथ ब्लाइंड डेटिंग के बहाने 3.6 लाख रुपए की ठगी की गई है। चतुश्रृंगी पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। किशोर ने अपने पिता के डेबिट कार्ड का उपयोग कर लगभग 3.64 लाख रुपये खर्च किए थे। ताकि ऐप के माध्यम से उसे ब्लाइंड डेट करने का मौका मिल सके। अब तक ना तो वह डेट पर जा सका और ना ही उसे खोए हुए पैसे वापस मिले हैं। चतुश्रृंगी पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर वैशाली गलांडे ने बताया कि, तीन महीने के इंतजार के बाद लड़के ने पैसों के बारे में अपने पिता को बताया। जिसके बाद किशोर के पिता ने पुलिस स्टेशन में तीन अज्ञात कॉलरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420 (धोखाधड़ी) और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
डेटिंग ऐप का अधिकारी बताकर मांगे पैसे
इंस्पेक्टर वैशाली ने बताया कि, युवक के पिता एक सॉफ्टवेयर कंपनी के निदेशक हैं। पिछले साल नवंबर में, छात्र ने अपने सेलफोन पर एक डेटिंग ऐप डाउनलोड किया था। 17 नवंबर को छात्र के पास एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को वेबसाइट का एक अधिकारी बताया। उस शख्स ने छात्र को बताया कि उसका नाम वेबसाइट पर दर्ज है। उसे जल्द ही एक लड़की से मिलाएंगे, जिसे वह डेट कर सकता है। उस व्यक्ति ने छात्र से कहा कि इसके लिए उसे पंजीकरण शुल्क के रूप में कुछ पैसे भेजने होंगे।
लड़की से मिलाने के बहाने मांगते रहे पैसे
लड़के पास अपने पिता का डेबिट कार्ड और सेलफोन दोनों थे। जिसके बाद उसने व्यक्ति द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट में रजिस्ट्र्रेशन फीस ट्रांसफर कर दी। राशि जमा होने के बाद जालसाज़ ने छात्र से संपर्क किया और फिर पैसे मांगे। उसने फिर से कुछ पैसे जमा कर दिए। जालसाज ने छात्र से कहा कि भुगतान करने के बाद, लड़की का कॉन्टेक्ट नंबर उसके पास भेज दिया जाएगा। छात्र ने फिर से निर्देशों का पालन किया। थोड़ी देर बाद, एक अन्य व्यक्ति ने उससे संपर्क किया। उनसे किशोर से कहा कि वे जीएसटी भुगतान के रूप में 1.40 लाख रुपये जमा करें। इस राशि का भुगतान करने के बाद, धोखेबाजों ने और अधिक पैसे की मांग की। इस पर छात्र को संदेह हुआ और उसने उन्हें पैसे वापस करने के लिए कहा।
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पिता के पता नहीं चला पैसों के बारे में
इसके बाद जब युवक ने पैसा वापस करने के लिए कहा तो कॉलर ने कहा कि, अगर वह उसे और पैसा भेजे ताकि वह उसे पूरा पैसा वापस कर सके। 17 नवंबर से 23 नवंबर, 2018 के बीच के पांच दिनों में छात्र ने खाते में से 3.64 लाख रुपये भेजे। पुलिस ने कहा कि छात्र के पिता ने दावा किया कि उन्हें इन लेन-देन की जानकारी नहीं थी क्योंकि उनके पास ना तो उनका डेबिट कार्ड था और ना ही उनका सेलफोन था। छात्र तीन महीने से अपने पैसे वापस पाने के लिए लगातार कॉल करने वालों से बात कर रहा था। जब कॉल करने वालों ने जवाब देना बंद कर दिया, तो छात्र अपने पिता इस बारे में बताया।
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