लोकसभा चुनाव 2019: वर्धा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की वर्धा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेपी के रामदास तड़स हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सागर मेघे को 21, 57, 83 वोटों से पराजित किया था। रामदास तड़स को यहां पर 53,75,18 मत हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी सागर मेघे को केवल 32,17,35 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। साल 2014 में यहां वोटरों की संख्या 15,64,553 थी, जिसमें से 10,13,445 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था। इसमें पुरुषों की संख्या 5,54,658 औैर महिलाओं की संख्या 4,58,787 थी।
वर्धा लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1951 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए थे, जिसे की कांग्रेस ने जीता था और उसके बाद से साल 1989 तक यहां पर कांग्रेस का ही राज रहा। इस दौरान इस सीट पर कमलनयन बजाज और वसंतराव साठे जैसे दिग्गज यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे लेकिन 1991 के चुनाव में CPI ने ये सीट कांग्रेस से छीन ली और साल 1996 के चुनाव में यहां पहली बार कमल खिला, हालांकि साल 1998 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस की वापसी हुई और उसका राज 1999 के चुनाव में भी कायम रहा लेकिन साल 2004 का चुनाव यहां पर भाजपा ने जीता और सुरेश गणपत यहां से सांसद चुने गए लेकिन साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को यहां हरा दिया था और दत्ता मेघे यहां से निर्वाचित हुए थे, उस वक्त कांग्रेस के प्रत्याशी दत्ता मेघे को 3 लाख 52 हजार 853 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी सुरेश वाघमारे को 2 लाख 56 हजार 935 वोटों पर संतोष करना पड़ा था लेकिन साल 2014 के चुनाव में यह सीट भाजपा की झोली में चली गई और बीजेपी नेता रामदास तड़स यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
वर्धा, एक परिचय-प्रमुख बातें-
महाराष्ट्र के प्रमुख जिलों में से एक वर्धा सूती वस्त्रों की कारखानों के लिए पूरे भारत में मशहूर है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आश्रम के कारण भी वर्धा नगरी काफी प्रसिद्ध है, बहुत सारी गौरवशाली कहानियों को आपने आंचल में समेटे वर्धा की जनसंख्या 20 लाख 12 हजार 137 है, जिसमें से 71 प्रतिशत लोग गांव में और 28 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं। वर्धा में वर्धा जिले के चार विधानसभा क्षेत्र और अमरावती जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों का समावेश है, जिनके नाम हैं वर्धा, हिंगणघाट, आर्वी, देवली, अमरावती जिले के धामणगांव रेलवे क्षेत्र और मोर्शी। यहां की 76 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू धर्म में, 10 प्रतिशत लोग बौद्द धर्म में और 9 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म में यकीन रखते हैं।
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में सांसद रामदास तड़स की उपस्थिति 81 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 49 डिबेट में हिस्सा लिया और 437 प्रश्न पूछे हैं। साल 2014 के चुनाव में यहां पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर 3 पर बसपा थी। पिछले कुछ वक्त से वर्धा क्षेत्र में जाति आधारित राजनीति का बोलबाला बढ़ा है। जाति की वोट संख्या के आधार पर ही प्रमुख राजनीतिक दल अपना प्रत्याशी तय करते हैं, इस संसदीय क्षेत्र में पहले करीब दो दशकों तक कांग्रेस और माकपा के बीच सीधा मुकाबला होता था लेकिन 1996 के बाद से कांग्रेस और भाजपा के बीच टक्कर हो रही है। कांग्रेस या भाजपा में से किसी एक दल का ही प्रत्याशी यहां चुनकर आता है, देखते हैं कि इस बार भी यह प्रथा यहां कायम रहती है या फिर कुछ चौंकाने वाले परिणाम हमें देखने को मिलते हैं।